Search
Close this search box.

बिजली उपभोक्ताओं को झटका, प्रदेश में 15 से 30 फीसदी तक महंगी हो सकती है घरेलू बिजली

Share:

नया टैरिफ प्लान तैयार करने के पहले विद्युत वितरण निगमों की ओर से वार्षिक राजस्व आवश्यकता ( एआरआर) प्रस्ताव दाखिल किया जाता है। फिर उसी हिसाब से बढ़ोतरी का प्रस्ताव दाखिल होता है।

Domestic electricity may become costlier by 15 to 30 percent in the state in up

प्रदेश के विद्युत वितरण निगमों की ओर से विद्युत नियामक आयोग में बृहस्पतिवार को वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) प्रस्ताव दाखिल कर दिया गया है। इसमें 11 से 12 हजार करोड़ का गैप (घाटा) बताया गया है। अगर आयोग ने प्रस्ताव को स्वीकार किया कि तो 15 से 30 फीसदी तक बिजली महंगी हो सकती है। पिछली बार नौ हजार करोड़ के घाटे पर 15 से 25 फीसदी तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे नियामक आयोग ने खारिज कर दिया था।

नया टैरिफ प्लान तैयार करने के पहले विद्युत वितरण निगमों की ओर से वार्षिक राजस्व आवश्यकता ( एआरआर) प्रस्ताव दाखिल किया जाता है। फिर उसी हिसाब से बढ़ोतरी का प्रस्ताव दाखिल होता है। बृहस्पतिवार शाम को नियामक आयोग में दाखिल एआरआर में करीब 11 से 12 हजार करोड़ के बीच गैप (घाटा) दिखाया गया है। यह आरडीएसएस योजना में दाखिल 13.06 प्रतशित लाइन हानियों के आधार पर है। इसमें एक लाख पैंतालीस हजार मिलियन यूनिट बिजली की आवश्यकता बताते हुए उसकी कुल लागत लगभग 80,000 करोड़ से 85,000 करोड़ के बीच में आंकी गई है। इसके पहले वर्ष 2023-24 में लगभग 92,547 करोड़ का वार्षिक राज्य आवश्यकता दाखिल की गई थी। तब बढ़ोतरी की दर 15 से 25 फीसदी आंकी गई थी।

इस बार एआरआर दाखिल करते समय बढ़ोतरी की जिम्मेदारी नियामक आयोग पर छोड़ दी गई है। मामले में उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में विद्युत निगमों पर उपभोक्ताओं का करीब 33,122 करोड़ बकाया है। वर्ष 2024-25 में निगमों की ओर से करीब 11 से 12 करोड़ के बीच गैप (घाटा) विद्युत नियामक आयोग से बिजली दरों में बढ़ोतरी की साजिश है। इसे सफल नहीं होने दिया जाएगा।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news