प्रभास की बिग बजट फिल्म ‘आदिपुरुष’ का बॉक्स ऑफिस पर बुरा हाल हुआ। वहीं, इसके संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को भी ट्रोल्स ने आड़े हाथों लिया था। फिल्म में कई विवादास्पद संवाद थे, जिसे लेकर नेटिजन्स ने मुंतशिर को खूब लताड़ा। मनोज मुंतशिर ने हाल ही में जावेद अख्तर की प्रशंसा की है। उन्होंने यह भी खुलासा किया रैप गानों को वह स्वीकार नहीं कर पाए हैं और ‘आदिपुरुष’ के संवादों की तुलना करते हुए कहा कि कैसे लोग उनके संवादों की आलोचना करते हैं और ‘घंटा और नंगा’ शब्दों वाले रैप गाने पुरस्कार जीतते हैं।
जावेद अख्तर के लिए कही यह बात
मनोज मुंतशिर ने एक बातचीत में कहा, अगर मैं अगले 20-25 वर्षों तक काम करना जारी रखूं, तो शायद मैं उस बिंदु पर पहुंच जाऊंगा, जहां लोग एक सांस में जावेद अख्तर के साथ मेरा नाम लेंगे। अभी मैं खुद को इस लायक नहीं मानता हूं। अगर मैं इस दुनिया में कुछ ऐसे लोगों का नाम लूं, जिनका मैं गहरा सम्मान करता हूं, तो जावेद साहब हर चीज की परवाह किए बिना मेरे टॉप पर दो या तीन में हैं।’
मुंतशिर ने की फिल्म पुरस्कारों की आलोचना
केसरी का गाना ‘तेरी मिट्टी’ के लेखक ने पहले फिल्म पुरस्कारों की आलोचना की है। मुंतशिर इस बात से नाराज दिखे कि उनका गाना फिल्मफेयर अवॉर्ड गली बॉय का गाना ‘अपना टाइम आएगा’ लिखने वाले डिवाइन और अंकुर तिवारी से हार गया। उन्होंने कहा, ‘अगर आप उस पुरस्कार समारोह के नॉमिनेशन को देखें, तो एक के बाद एक कुछ शानदार गाने थे, लेकिन आपने उस गाने को पुरस्कार दिया जो कहीं से भी गीतकार होने के नाते पैमाइश जो होती है, उसपे खड़ा ही नहीं उतरता।’
आदिपुरुष के डायलॉग्स की गली बॉय के रैप से की तुलना
मुंतशिर ने रैप गानों के बारे में बात करते हुए कहा, ‘आज तक मैं रैप गानों को एक श्रोता के तौर पर स्वीकार नहीं कर पाया हूं। मुझे रैप से कोई शिकायत नहीं है। मैंने गली बॉय के गाने सुने हैं। वे अच्छे हैं, लेकिन लोगों को मेरे ‘लंका जला देंगे’ जैसे डायलॉग्स से दिक्कत है और उन्हें ‘नंगा ही तो आया था घंटा लेकर जाएगा’ से कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे लगता है कि दोनों गलत हैं। कला में असंसदीय भाषा का प्रयोग करने का अधिकार किसी को नहीं है। यह गलत है। अपने आप को बेहतर तरीके से दिखाएं।’