अजीज पहाड़ छोटी उम्र में ही दक्षिण अफ्रीका में ट्रांसवाल इंडियन कांग्रेस के सदस्य के रूप में रंगभेद के खिलाफ संघर्ष में शामिल हो गए थे। बाद में उन्होंने अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (एएनसी) में अग्रणी भूमिका निभाई और नेल्सन मंडेला को रिहा कराने के लिए एएनसी के संघर्ष में शामिल रहे।
दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज राजनेता और स्वतंत्रता सेनानी अजीज पहाड़ का 82 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बुधवार को जोहानिसबर्ग में अंतिम सांस ली। परिवार ने एक बयान में कहा कि हम भारी मन से यह घोषणा कर रहे हैं कि अजीज गुलाम हुसैन पहाड़ का 27 सितंबर, 2023 की शाम को 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बयान में कहा गया है कि अजीज एक देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानी के साथ जीवन भर लोगों की सेवा के लिए समर्पित रहे। साथ ही वह एक शानदार राजनयिक और रणनीतिकार थे, जिन्होंने 1994 से 2008 तक संसद सदस्य और विदेश मामलों के उप-मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं।
एफडब्ल्यू डी क्लार्क के नेतृत्व वाली सरकार ने जब 27 वर्षों तक राजनीतिक कैदी रहे मंडेला को रिहा करने का निर्णय लिया। इसके बाद वे दक्षिण अफ्रीका लौट आए। 1994 में जब मंडेला दक्षिण अफ्रीका के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित पहले राष्ट्रपति बने, तो पहाड़ बंधुओं को उनकी सरकार में वरिष्ठ पदों पर जगह मिली। उन्होंने मंडेला के उत्तराधिकारी थाबो मबेकी की सरकार में भी काम किया, लेकिन जब एएनसी के एक गुट ने मबेकी को पद से हटा दिया और जैकब जुमा ने राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली, तो उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया।
पूर्व राष्ट्रपति मबेकी की सरकार में अजीज पहाड़ ने कई वर्षों तक विदेश मामलों के उपमंत्री के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने फिलिस्तीन संकट के समाधान के लिए भी कार्य किया।