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गूगल के खिलाफ अमेरिका में कार्रवाई, न्याय विभाग का आरोप- एकाधिकार के जरिये लिया अनुचित लाभ

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फिलहाल, अगले 10 सप्ताह तक अमेरिका के संघीय वकील और राज्य अटॉर्नी जनरल यह साबित करने का प्रयास करेंगे कि गूगल ने कई जगहों और उपकरणों में अपने खोज इंजन को डिफॉल्ट विकल्प के रूप में लॉक करके बाजार में अपने पक्ष में धांधली की है।

अमेरिकी न्याय विभाग ने मंगलवार को एक गूगल पर इंटरनेट सर्च इंजन के क्षेत्र में अपने एकाधिकार के जरिये अनुचित लाभ हासिल करने का आरोप लगाया है। अगर आरोप साबित हुए, तो यह गूगल के खिलाफ अबतक का सबसे बड़ा मामला हो सकता है। न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि गूगल ने प्रतिस्पर्धियों को बाहर करने और नवाचार को कुचलने के लिए इंटरनेट खोज बाजार में अपने प्रभुत्व का फायदा उठाया है। न्याय विभाग के प्रमुख याचिकाकर्ता केनेथ डिंटजर ने कहा, यह मामला इंटरनेट के भविष्य के बारे में है और इससे तय होगा कि गूगल को खोज इंजन को कभी सार्थक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।फिलहाल, अगले 10 सप्ताह तक अमेरिका के संघीय वकील और राज्य अटॉर्नी जनरल यह साबित करने का प्रयास करेंगे कि गूगल ने कई जगहों और उपकरणों में अपने खोज इंजन को डिफॉल्ट विकल्प के रूप में लॉक करके बाजार में अपने पक्ष में धांधली की है। मामले की सुनवाई कर रहे भारतवंशी अमेरिकी जिला न्यायाधीश अमित मेहता अगले साल की शुरुआत तक इस मामले में कोई फैसला नहीं सुनाएंगे। हालांकि, अगर वे यह फैसला देते हैं कि गूगल ने कानून तोड़ा है, तो एक और सुनवाई होगी, जिसके बाद गूगल के खिलाफ सजा तय होगी।

ट्रंप के कार्यकाल में दर्ज हुआ मुकदमा
न्याय विभाग ने तीन साल पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान गूगल के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कानूनों के उल्लंघन में मुकदमा दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी ने प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ अनुचित लाभ हासिल करने के लिए अपने इंटरनेट सर्च इंजन के प्रभुत्व का उपयोग किया है।

बाजार में धांधली का आरोप
नियामकों ने यह भी आरोप लगाया है कि यदि डिवाइस निर्माता एंड्रॉइड ऐप स्टोर तक पूर्ण पहुंच चाहते हैं, जिसके बदले गूगल ने स्मार्टफोन के लिए अपने खोज इंजन को अपने एंड्रॉइड सॉफ्टवेयर के साथ बंडल करने को जरूरी बनाकर बाजार में अपने पक्ष में अवैध रूप से धांधली की है।

सुनवाई में सुंदर पिचाई के भी शामिल होेने की संभावना
हालांकि, इससे पहले गूगल और इसकी कॉर्पोरेट पैरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक के शीर्ष अधिकारियों को मेहता के सामने अपना पक्ष रखने आना पड़ेगा। इनमें अल्फाबेट के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचाई के भी शामिल होने की संभावना है, जो चार साल पहले गूगल के सह-संस्थापक लैरी पेज के उत्तराधिकारी बने थे। अदालती दस्तावेजों से यह भी पता चलता है कि एप्पल के एक उच्च पदस्थ अधिकारी एड्डी क्यू को भी गवाही के लिए अदालत में बुलाया जा सकता है।

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