संसद के विशेष सत्र को लेकर विपक्षी नेताओं ने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी नेताओं ने मांग की है कि संसद के विशेष सत्र के एजेंडे में पारदर्शिता बनाए रखें। उनका कहना है कि देश को अंधेरे में न रखा जाए। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक को शीघ्र पारित करने के लिए पीएम मोदी को पत्र लिखेंगी। बता दें, महिला आरक्षण विधेयक पहले ही राज्यसभा में पारित हो चुका है।
विपक्षी नेता- यह लोकसभा चलाने का तरीका नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को विपक्षी दल के नेताओं के लिए अपने आवास पर रात्रिभोज का आयोजन किया। इस दौरान विपक्षी नेताओं ने संसद के विशेष सत्र के लिए रणनीति पर चर्चा की। चर्चा के दौरान अडानी मुद्दे का भी जिक्र हुआ। बैठक में ‘इंडिया’ की चौथी बैठक भोपाल में आयोजित करने पर चर्चा की गई। इस दौरान उन्होंने संसद के विशेष सत्र को लेकर किसी भी विपक्षी नेताओं से चर्चा तक नहीं की गई है। यह लोकसभा चलाने का तरीका नहीं है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि भाजपा महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर विवाद, चीन विवाद, सीएजी रिपोर्ट सहित अन्य घोटालों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है।
जयराम रमेश बोले- सरकार जिम्मेदार नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि संसद के विशेष सत्र में हम मुद्दे उठाने से पीछे नहीं हटेंगे। भाजपा को हम बताना चाहते हैं कि भारत जुड़ेगा और भारत जीतेगा। बैठक के बाद कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बताया कि विपक्षी दल सरकार से लगातार सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर विशेष सत्र क्यों बुलाया गया लेकिन सरकार ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया। कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि संसद देश की है। सरकार देश को अंधेरे में रख रही है। यह सरकार न तो पारदर्शी है न ही जिम्मेदार है। हम संसद में सिर्फ मोदी चालीसा के लिए नहीं बैठेंगे। हम विशेष सत्र में अपने मुद्दे उठाएंगे।