आईएमडी के मुताबिक, 1 जून से 28 अगस्त के दौरान पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में दीर्घकालिक अवधि औसत (एलपीए) से 8 फीसदी अधिक वर्षा दर्ज की गई। इससे इन क्षेत्रों में मानसून बारिश में कमी का अंतर 15 फीसदी तक घट गया।
दक्षिण पश्चिम मानसून उत्तर पश्चिम भारत में कमजोर पड़ने लगा है। हालांकि, पूर्वोत्तर भारत और दक्षिण प्रायद्वीप क्षेत्र में अगले पांच दिन भारी बारिश होने की संभावना है। इस दौरान आंध्र प्रदेश के कई जिलों में भारी और देश के अन्य हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है।भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली समेत उत्तर पश्चिम भारत के राज्यों में फिलहाल बारिश की कोई संभावना नहीं है। इन क्षेत्रों में उमस भरी गर्मी बनी रहेगी। उत्तराखंड में एक और दो सितंबर को भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग की तरफ से इन दो दिनों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। पूर्वोत्तर के राज्यों नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अगले पांच दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। असम और मेघालय में बृहस्पतिवार से शनिवार तक बारिश हो सकती है। बृहस्पतिवार को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में और शनिवार को ओडिशा में हल्की से भारी बारिश हो सकती है और कुछ इलाकों में गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
पूर्वी, पूर्वोत्तर में 8% अधिक वर्षा
आईएमडी के मुताबिक, 1 जून से 28 अगस्त के दौरान पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में दीर्घकालिक अवधि औसत (एलपीए) से 8 फीसदी अधिक वर्षा दर्ज की गई। इससे इन क्षेत्रों में मानसून बारिश में कमी का अंतर 15 फीसदी तक घट गया। जून और जुलाई में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 45-50 फीसदी तक कम वर्षा दर्ज की गई।