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चीन से थोक दवाओं का आयात नौ वर्षों में बढ़कर 75 फीसदी पहुंचा, भारत पड़ोसी पर काफी हद तक निर्भर

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इलेक्ट्रॉनिक से लेकर खिलौने और अन्य उत्पादों पर चीन की निर्भरता कम करने में सरकार को सफलता नहीं मिल रही है। चीन से थोक दवा आयात पिछले नौ वर्षों में 62 फीसदी से बढ़कर 75 फीसदी हो गया है। केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के तहत विभिन्न घरेलू विनिर्माण परियोजनाओं के चालू होने के बावजूद भारत चीन पर काफी हद तक निर्भर है।

आंकड़ों के मुताबिक, चीन से थोक दवा का आयात, मूल्य और मात्रा दोनों लिहाज से वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर क्रमश: 71 और 75 फीसदी हो गया। वित्त वर्ष 2013-14 में यह आंकड़ा 64 फीसदी और 62 फीसदी था। वित्त वर्ष 2013-14 से वित्त वर्ष 2022-23 तक चीन से कुल थोक दवा आयात करीब सात फीसदी की दर से बढ़ा। वित्त वर्ष 2013-14 में देश ने दवा का कुल 5.2 अरब डॉलर का आयात किया।

इसमें से 2.1 अरब डॉलर का आयात चीन से हुआ। वित्त वर्ष 2018-19 में कुल 6.4 अरब डॉलर का आयात हुआ। इसमें चीन का हिस्सा 2.6 अरब डॉलर रहा। 2020-21 में सात अरब डॉलर के आयात में चीन की हिस्सेदारी 2.9 अरब डॉलर रही।

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