टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के सरकार के प्रयासों और उपभोक्ताओं के अधिक खर्च करने की वजह से जीएसटी संग्रह जुलाई, 2023 में पांचवीं बार 1.60 लाख करोड़ के पार पहुंच गया। जीएसटी संग्रह का यह आंकड़ा अब एक नया सामान्य है। इससे पहले सरकार को जीएसटी के रूप में जून, 2023 में 1.61 लाख करोड़ व मई, 2023 में 1.57 लाख करोड़ की कमाई हुई थी।
एनए शाह एसोसिएट्स पार्टनर (अप्रत्यक्ष कर) पराग मेहता ने कहा कि उपभोक्ताओं के घर, कार और अन्य उपभोग संबंधी वस्तुएं खरीदने पर खर्च में तेजी देखने को मिली है। लोगों ने छुट्टियां मनाने पर भी काफी खर्च किया है। इसके अलावा, जीएसटी परिषद ने शुरुआती स्तर पर ही कर चोरी रोकने के लिए कई उपाय किए हैं। इन सबका सकारात्मक असर जुलाई, 2023 के जीएसटी संग्रह पर देखने को मिला है।
यूपी समेत इन राज्यों में सर्वाधिक वसूली
राज्य | संग्रह (आंकड़े : करोड़ रुपये में) |
महाराष्ट्र | 26,064 |
कर्नाटक | 11,505 |
तमिलनाडु | 10,022 |
गुजरात | 9,787 |
उत्तर प्रदेश | 8,802 |
हरियाणा | 7,953 |
दिल्ली | 5,405 |
मध्य प्रदेश | 3,325 करोड़ |
पंजाब | 2,000 करोड़ |
उत्तराखंड | 1,607 करोड़ |
हिमाचल प्रदेश | 917 करोड़ |
जम्मू-कश्मीर | 549 करोड़ |
चंडीगढ़ | 217 करोड़ |
वाहन बिक्री: मारुति-ह्यूंडई में उछाल, टाटा मोटर्स में गिरावट
यूटिलिटी वाहनों की मांग के दम पर मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के वाहनों की कुल बिक्री पिछले महीने 3.25 फीसदी बढ़कर 1,81,630 इकाई पहुंच गई। यात्री कारों की बिक्री 1,42,850 से बढ़कर 1,52,126 इकाई पहुंच गई। वहीं, ह्यूंडई के वाहनों की कुल थोक बिक्री जुलाई में 4 फीसदी बढ़कर 66,701 इकाई पहुंच गई। हालांकि, टाटा मोटर्स की कुल बिक्री सालाना आधार पर एक फीसदी घटकर 80,633 इकाई रह गई।
कोयला उत्पादन
कोल इंडिया लि. (सीआईएल) का कोयला उत्पादन जुलाई, 2023 में सालाना आधार पर 13.4 फीसदी बढ़कर 5.36 करोड़ टन पहुंच गया। जुलाई, 2022 में उत्पादन 4.73 करोड़ टन रहा था।
विनिर्माण गतिविधियों में लगातार दूसरे महीने नरमी
उत्पादन बढ़ने और नए ऑर्डर मिलने की दर में थोड़ी कमी की वजह से देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में जुलाई, 2023 में लगातार दूसरे महीने गिरावट रही। मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) पिछले महीने मामूली घटकर 57.7 पर आ गया। जून, 2023 में विनिर्माण पीएमआई 57.8 रहा था। इस गिरावट के बावजूद भारतीय विनिर्माण क्षेत्र ने मजबूत वृद्धि को बनाए रखा है। पीएमआई के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई में लगातार 25वें महीने परिचालन स्थितियों में सुधार हुआ है। पीएमआई का 50 से अधिक रहना गतिविधियों में विस्तार और इससे नीचे का आंकड़ा गिरावट का संकेत है।
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के निदेशक (अर्थशास्त्र) एंड्रयू हार्कर ने कहा, नए ऑर्डर में मजबूत वृद्धि के कारण उत्पादन चालू रहने से जुलाई में भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि की गति कम होने के कोई संकेत नहीं दिखे। हालांकि, जून के मुकाबले उत्पादन व नए ऑर्डर में वृद्धि की दर थोड़ी कम रही।
भारत का शानदार प्रदर्शन कायम
हार्कर ने कहा कि कुल मिलाकर देखें तो भारतीय विनिर्माण क्षेत्र ने वैश्विक स्तर पर शानदार प्रदर्शन करने का अपना रुतबा बनाए रखा है। अमेरिका, बांग्लादेश और नेपाल से नए ऑर्डर में तेजी आई है।
लागत महंगाई 9 माह के शीर्ष पर
सर्वे के मुताबिक, पिछले महीने लागत संबंधी महंगाई का दबाव अपेक्षाकृत कम रहा। इसके बावजूद कच्चे माल की अधिक कीमतों के कारण लागत महंगाई बढ़कर 9 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। इस अवधि में रोजगार सृजन की गति मोटे तौर पर इस साल मई और जून के रुझानों के अनुरूप रही।
बिजली खपत : 8.4% बढ़कर 139 अरब यूनिट
देश में बिजली खपत इस साल जुलाई में 8.4 फीसदी बढ़कर 139 अरब यूनिट पहुंच गई। एक साल पहले की समान अवधि में खपत 128.25 अरब यूनिट और जुलाई, 2021 में 123.72 अरब यूनिट रही थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बिजली की एक दिन की अधिकतम मांग जुलाई में बढ़कर 208.82 गीगावाट पहुंच गई। बिजली मंत्रालय के अनुसार, गर्मी के मौसम में देश की बिजली मांग 229 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान था, लेकिन बेमौसम बारिश से अप्रैल-मई में मांग अनुमानित स्तर तक नहीं पहुंच पाई।
पेट्रोल की मांग बढ़ी, डीजल खपत में गिरावट
देश में पेट्रोल की खपत जुलाई में सालाना आधार पर 3.8 फीसदी बढ़कर 27.6 लाख टन पहुंच गई। हालांकि, मानसून की बारिश के कारण डीजल की मांग 4.3 फीसदी गिरकर 61.5 लाख टन रह गई।विमान ईंधन की मांग जुलाई में सालाना आधार पर 10.3 फीसदी बढ़कर 6,03,500 टन के स्तर पर पहुंच गई। रसोई गैस की बिक्री 1.7 फीसदी घटकर 24.6 लाख टन रह गई है। जुलाई, 2021 की तुलना में खपत 4 फीसदी अधिक रही।