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महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता में पिछड़ा भारत, पुरुषों के मुकाबले कम रही शिक्षा हासिल करने की दर

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यूएन वीमेन की रिपोर्ट में महिला सशक्तीकरण सूचकांक (डब्ल्यूईआई) और वैश्विक लैंगिक समानता सूचकांक (जीजीपीआई) से जुड़े आंकड़े साझा किए गए हैं। इन दोनों ही सूचकांकों में भारत को पिछड़े देशों की सूची में रखा गया है।

यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) और महिलाओं के सशक्तीकरण और लैंगिक समानता के लिए काम कर रहे संगठन यूएन वीमेन ने अपनी नई रिपोर्ट द पाथ्स टू इक्वल में भारत को महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता के मामले में पिछड़े देशों की सूची में शामिल किया है रिपोर्ट में महिला सशक्तीकरण सूचकांक (डब्ल्यूईआई) और वैश्विक लैंगिक समानता सूचकांक (जीजीपीआई) से जुड़े आंकड़े साझा किए गए हैं। इन दोनों ही सूचकांकों में भारत को पिछड़े देशों की सूची में रखा गया है। साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय समाज धीरे-धीरे जागरूक हो रहा है और महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ रहा है। डब्ल्यूईआई इंडेक्स में भारत को 0.52 अंक  और जीजीपीआई इंडेक्स में  0.56 अंक दिए गए हैं। इस सूची में में भारत के साथ उसके पड़ोसी देश पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका भी शामिल हैं।

पुरुषों के मुकाबले कम रही शिक्षा प्राप्त करने की दर
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में राष्ट्रपति के रूप एक महिला का चुनाव महिला सशक्तिकरण किस दिशा में उठाया गया मजबूत कदम है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022 में केवल 24.9 फीसदी महिलाओं ने माध्यमिक या उच्चतर शिक्षा हासिल की थी जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 38.6 फीसदी दर्ज किया गया।

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