नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने यह कदम मंगलवार को हुए घातक दुर्घटना के बाद उठाया है। मंगलवार को पांच मैक्सिकन पर्यटकों और निजी मनांग एयर कंपनी द्वारा संचालित एक छोटे हेलीकॉप्टर के नेपाली पायलट की मौत हो गई थी। माउंट एवरेस्ट सहित हिमालय की चोटियों को देखकर लौटते समय उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
नेपाल के विमानन नियामक ने एवरेस्ट क्षेत्र में एक घातक दुर्घटना के बाद दो महीने के लिए हेलीकॉप्टरों के “गैर-आवश्यक” उड़ानों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध दर्शनीय स्थलों की यात्रा पर भी लागू होगा। दरअसल, पूर्वी नेपाल में माउंट एवरेस्ट के पास एक निजी वाणिज्यिक हेलीकॉप्टर के मंगलवार को दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार मैक्सिको के एक परिवार के पांच सदस्यों और पायलट की मौत हो गई थी।त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (टीआईए) के प्रबंधक ज्ञानेंद्र भुल ने बताया कि मनांग एअर के हेलीकॉप्टर 9एन-एएमवी ने मंगलवार सुबह 10 बजकर चार मिनट पर सोलुखुंबु जिले के सुरकी हवाई अड्डे (Surke Airport) से काठमांडू के लिए उड़ान भरी थी और सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर 12,000 फुट की ऊंचाई पर अचानक संपर्क टूट गया। हेलीकॉप्टर सुदूर पहाड़ी इलाके सोलुखुंबु जिले के लिखुपिके ग्रामीण नगरपालिका के लामजुरा इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। टीआईए के प्रवक्ता टेकनाथ सितौला ने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान दुर्घटनास्थल पर सभी छह लोगों के शव बरामद किए गए। ये लोग पर्वतीय क्षेत्र की हवाई यात्रा करने के बाद सुरकी से काठमांडू लौट रहे थे।
सितंबर तक लागू रहेगा प्रतिबंध
नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएएन) ने बुधवार देर रात एक ट्विटर पोस्ट में कहा, पर्वतीय उड़ानें, बाहरी भार संचालन (स्लिंग उड़ानें) और हेलीकॉप्टरों द्वारा फूलों की वर्षा जैसी गैर-जरूरी उड़ानें सितंबर तक प्रतिबंधित रहेंगी। नेपाल ने मंगलवार को हुई दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक जांच समिति का गठन किया है।नेपाल में पर्यटकों और पर्वतारोहियों के लिए घूमने का मौसम मई में समाप्त हो जाता है। इस वक्त पर्यटकों को पर्वतीय इलाकों में ले जाने वाली बहुत कम उड़ानें होती है क्योंकि दृश्यता खराब होती है और मौसम की स्थिति भी अनिश्चित होती है। माउंट एवरेस्ट सहित दुनिया की 14 सबसे ऊंची पर्वत चोटियों में से आठ नेपाल में है और यहां हवाई दुर्घटनाओं का इतिहास रहा है, क्योंकि कई एयरलाइंस सुदूर पहाड़ियों में छोटे हवाई अड्डों और अक्सर बादलों से घिरी चोटियों के पास उड़ान भरती हैं। बता दें कि नेपाल में 30 वर्षों में सबसे भीषण हवाई दुर्घटना में इस साल जनवरी में हुई थी, जिसमें 71 लोगों की मौत हो गई थी। दरअसल, पर्यटक शहर पोखरा के पास एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।