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कांग्रेस की LAC के हालात पर श्वेत पत्र की मांग; माहूरकर बोले- सावरकर होते तो नहीं होता देश का बंटवारा

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कांग्रेस ने सोमवार को चीन से लगी सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को लेकर श्वेत पत्र लाने और संसद में भारत-चीन सीमा विवाद पर व्यापक चर्चा की मांग की। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता मनीष तिवारी ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में कहा, 3 साल पहले 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गलवां झड़प के बाद सर्वदलीय बैठक में कहा था कि न तो हमारी सीमा में कोई घुसा है, न ही कोई चौकी दूसरों के कब्जे में है। तिवारी ने कहा, मोदी की टिप्पणी एक दिन पहले विदेश मंत्रालय के जारी बयान के विपरीत थी, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि गलवां की घटना इसलिए हुई क्योंकि चीनी सैनिकों ने घुसपैठ करने और सीमा के भारतीय हिस्से में तंबू लगाने की कोशिश की थी।

उदय माहूरकर बोले- सावरकर होते तो नहीं होता देश का बंटवारा
अगर सावरकर होते तो देश का बंटवारा नहीं होता। देश की सुरक्षा के लिए सावरकर के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। ये बातें राष्ट्रीय पुस्तकालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम ‘वीर सावरकर द फादर ऑफ इंडियन नेशनल सिक्युरिटी’ में प्रसिद्ध इतिहासकार और देश के मुख्य सूचना आयुक्त उदय माहूरकर ने बतौर मुख्य अतिथि कहीं। लोगों की मांग पर माहुरकर एवं चिरायु पंडित की लिखी पुस्तक ‘वीर सावरकर-द मैन हू कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन’ भी लोगों से साझा की गई। उन्होंने कहा कि लोगों में राष्ट्रीयता की भावना भरने में सावरकर का योगदान अतुलनीय है।

मंगोलिया में शांति सैन्य अभ्यास में भाग लेने पहुंची गढ़वाल राइफल्स
मंगोलिया में सोमवार को शुरू हुए 14 दिवसीय बहुराष्ट्रीय शांति सैन्य अभ्यास, एक्स खान क्वेस्ट 2023 में भारत की ओर से गढ़वाल राइफल्स की टुकड़ी भाग ले रही है। क्वेस्ट का मंगोलिया के राष्ट्रपति उखनागिन खुरेलसुख ने उद्घाटन किया। इसमें भारत समेत 20 से अधिक देशों की सैन्य टुकड़ियां और पर्यवेक्षक भाग ले रहे हैं। इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य भारत समेत अन्य देशों की सेनाओं और मंगोलियाई सशस्त्र बलों के बीच तालमेल और सहयोग बढ़ाना है।

आईआईटी मद्रास ने पूर्व छात्रों व दानदाताओं से जुटाए 231 करोड़
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास ने पूर्व छात्रों व दानदाताओं से रिकॉर्ड 231 करोड़ रुपये जुटाए हैं। संस्थान ने सोमवार को बताया कि इस वर्ष धन जुटाने के मामले में 76% की वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 131 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। इस राशि से संस्थान सामाजिक महत्व की परियोजनाओं का क्रियान्वयन करेगा।

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