ऐतिहासिक स्तर पर एसआईपी निवेश
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़े बताते हैं कि मई में फंड उद्योग में एसआईपी से मासिक 14,700 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश आया है। यह अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। इससे पहले लंबे समय तक 14,000 करोड़ का मासिक निवेश हुआ है, लेकिन मई में इसने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। 16% का रिटर्न मिला है 31 अगस्त, 2007 से 31 अगस्त, 2010 तक एसआईपी में बने रहने पर
घबराहट में एसआईपी बंद करने पर भारी घाटा
बाजार की गिरावट में अगर आपने घबराहट के चलते एसआईपी को बंद कर दिया तो इसका बड़ा घाटा होता है। उदाहरण स्वरूप, 31 अगस्त, 2007 से 31 जुलाई, 2008 के बीच बाजार में वैश्विक आर्थिक संकट का दौर था। इस समय जिन्होंने भी एसआईपी बंद किया, उन्हें 26 फीसदी का घाटा एक साल के अंदर हुआ था।
इसके ठीक उलट, 31 अगस्त, 2007 से 31 अगस्त, 2010 तक जिन लोगों ने एसआईपी को बनाए रखा, उसे 16 फीसदी का रिटर्न मिला। इस तरह से जब भी बाजार में गिरावट हो तो आप घबराएं नहीं। साथ ही, आप उस समय निवेश को और बढ़ा सकते हैं। इसका फायदा यह होता है कि आपको उसी पैसे में ज्यादा यूनिट मिलती हैं, जब बाजार की तेजी में कम यूनिट मिलती हैं।
2018 से 2023 के बीच 13 फीसदी लाभ
एडलवाइस म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 दिसंबर, 2018 से 30 अप्रैल, 2020 के बीच जिन लोगों ने एसआईपी बंद किया, उन्हें 16 फीसदी का घाटा हुआ। लेकिन, 31 दिसंबर, 2018 से लेकर 31 मार्च, 2023 तक जिन लोगों ने अपना निवेश बनाए रखा, उन्हें 13 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न मिला। जिन निवेशकों ने 10 साल के लिए निवेश किया है, उनको कभी भी घाटा नहीं हुआ है।
डेट-हाइब्रिड में कर सकते हैं स्विच
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के सबसे बेहतर तरीकों में से एक एसआईपी है। यह निवेशकों को रोजाना के शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से दूर रखता है। साथ ही, निवेश में आसानी और निरंतरता बनाए रखता है। एसआईपी की खूबसूरती यह भी है कि आप इसे डेट या हाइब्रिड में स्विच कर सकते हैं। इससे बाजार की गिरावट का आपके निवेश पर कोई असर नहीं पड़ता है। -निरंजन अवस्थी, एसवीपी एवं मार्केटिंग प्रमुख, एडलवाइस एमएफ