
हमारे शरीर का सामान्य तापमान आमतौर पर 98.6°F (37°C) होता है। बुखार की स्थिति में यह 102-104°F तक बढ़ जाता है, जिसमें शरीर पसीने का अधिक उत्पादन करके इस ताप को नियंत्रित कर लेती है। पर हीट स्ट्रोक की स्थिति में चूंकि पसीने का उत्पादन करने वाली ग्रंथियां ठीक से काम नहीं कर पाती हैं जिससे तापमान के बहुत अधिक होने का जोखिम हो सकता है।जब हीट स्ट्रोक होता है, तो शरीर का तापमान 10 से 15 मिनट के भीतर ही 106°F या इससे अधिक हो सकता है। अगर व्यक्ति को आपातकालीन उपचार नहीं मिलता है तो हीट स्ट्रोक गंभीर जोखिम कारक हो सकता है।

सामान्य से अधिक तापमान शरीर के अंगों के लिए हानिकारक हो सकता है। जिन लोगों के पहले से ही हृदय या फेफड़ों से संबंधित बीमारी है, उनके लिए विशेष रूप से यह खतरनाक हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि तापमान बढ़ने से हृदय गति और सांस लेने की गति भी बढ़ने लग जाती है, इसे ब्लड प्रेशर के अधिक होने का जोखिम हो सकता है।इसलिए जरूरी है कि शरीर के तापमान को संतुलित रखने के लिए गर्मी के दिनों में निरंतर प्रयास किए जाएं।

रोजाना कम से कम 3-4 लीटर पानी पीते रहना शरीर के लिए बहुत आवश्यक है। यह शरीर में पोषक तत्वों के संचार और अपशिष्ट को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा पसीने के माध्यम से शरीर को ठंडा करके शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में पानी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।यही कारण है कि डिहाइड्रेशन की स्थिति में हीट स्ट्रोक होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। शरीर में पानी की कमी न होने पाए इसका ध्यान रखें।

पानी के अलावा फलों-सब्जियों का सेवन करके भी आप शरीर के तापमान को बेहतर बनाए रख सकते हैं। पत्तेदार साग, छाछ, आम,नींबू, दही, एवोकाडो और नारियल पानी पीने से आपको विशेष लाभ मिल सकता है। गर्मी के दिनों में मिलने वाले कई फल जैसे तरबूज-खरबूज में भी पानी की मात्रा अधिक होती है, इनके सेवन से भी शरीर में पानी की कमी को पूरा करने और तापमान को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है।
