Search
Close this search box.

अतीक के वकील विजय मिश्रा पर तीन करोड़ रंगदारी मांगने का केस, लकड़ी व्यवसायी ने दर्ज कराया मुकदमा

Share:

आरोप लगाया कि 17 अप्रैल को दुकान के कर्मचारी शेखर ने जब उन्हें फोन करके बकाया रकम जमा कराने के लिए कहा तो उन्होंने गालियां दीं। धमकाते हुए फोन रख दिया। 20 अप्रैल को विजय ने उन्हें फोन करके अतीक अहमद व उसके गुर्गों के नाम पर तीन करोड़ की रंगदारी मांगी।

माफिया अतीक अहमद व अशरफ के वकील विजय मिश्रा पर तीन करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है। दरियाबाद निवासी लकड़ी व्यवसायी सईद अहमद ने अतरसुइया थाने में लिखाई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि विजय मिश्रा करीब सवा लाख रुपये की प्लाई और माइका उधार ले गए थे। जब पैसे मांगे तो धमकी देते हुए रंगदारी मांगने लगे।पुलिस के मुताबिक लकड़ी व्यवसायी सईद अहमद ने बताया है कि उनकी मुट्ठीगंज में प्लाईवुड की दुकान है। पांच जनवरी को विजय मिश्रा लगभग 1.20 लाख की प्लाई और माइका उधार ले गए थे।आरोप लगाया कि 17 अप्रैल को दुकान के कर्मचारी शेखर ने जब उन्हें फोन करके बकाया रकम जमा कराने के लिए कहा तो उन्होंने गालियां दीं। धमकाते हुए फोन रख दिया। 20 अप्रैल को विजय ने उन्हें फोन करके अतीक अहमद व उसके गुर्गों के नाम पर तीन करोड़ की रंगदारी मांगी। न देने पर जान से मारने की धमकी भी दी। फिलहाल, पुलिस आरोपों की जांच कर रही है।

एफआईआर एक माह बाद क्यों

सवाल उठ रहा है कि एक महीने पहले मांगी गई रंगदारी की रिपोर्ट एक महीने बाद क्यों लिखाई गई है। इसे तुरंत ही क्यों नहीं दर्ज कराया गया? जिस अतीक-अशरफ के हवाले से धमकी देने की बात कही जा रही है, उनका तो 15 अप्रैल को ही पुलिस कस्टडी में कत्ल हो चुका था। फिर, डर किसका था?

व्यवसायी से भी हुई थी पूछताछ

पुख्ता पुलिस सूत्रों का कहना है कि जिस लकड़ी व्यवसायी सईद अहमद ने विजय मिश्रा पर मुकदमा दर्ज कराया है, अतीक-अशरफ की हत्या के बाद पुलिस उससे भी लंबी पूछताछ कर चुकी है। दरअसल, माफिया भाइयों की हत्या के बाद पुलिस को एक कॉल रिकॉर्डिंग मिली थी, जिसके बाद व्यवसायी शक के दायरे में आ गया था। इस रिकॉर्डिंग में उसके और विजय मिश्रा के बीच अतीक के रुपयों को लेकर बातचीत थी। तब, चर्चा रही थी कि अतीक ने शहर के कई व्यापारियों को कारोबार के लिए रुपये दिए थे। उसी सिलसिले में सईद से पूछताछ हुई थी। बाद में, उन्हें छोड़ दिया गया था।

उमेश की लोकेशन देने का भी आरोप

पुलिस कस्टडी के दौरान अतीक के करीबी वकील खान सौलत हनीफ ने भी पिछले दिनों विजय मिश्रा का नाम लिया था। सौलत ने आरोप लगाया था कि हत्या वाले दिन उमेश के कचहरी से निकलने की सूचना उसके सामने विजय ने अशरफ और असद को अपने फोन से इंटरनेट कॉल के जरिए दी थी। हालांकि, पुलिस ने अभी तक की लिखा-पढ़ी में यह स्पष्ट नहीं किया है कि विजय मिश्रा वकील ही हैं या कोई और।

षड्यंत्र करके फंसा रही है पुलिस: विजय मिश्रा

मेरा सईद अहमद से कोई विवाद नहीं है। मैंने फर्नीचर के लिए जनवरी में 1.20 लाख रुपये की लकड़ी मंगवाई थी। एक लाख रुपये का ऑनलाइन भुगतान भी कर दिया था। शेष 20 हजार रुपये के लिए 17 अप्रैल को उनके मुंशी ने फोन किया तो तगादा करना बुरा लगा। इस पर उससे थोड़ी नाराजगी जताई थी। इसके बाद सईद अहमद ने फोन करके सफाई दी कि मुंशी को किसी दूसरे विजय मिश्रा को फोन करना था, गलती से आपको कर दिया। इसी कॉल रिकॉर्ड को पुलिस ने सुन लिया।
पुलिस ने चार दिन सईद को थाने में बैठाए रखा और बाद में मेरे खिलाफ तहरीर लिखवाकर उसे छोड़ दिया। पुलिस मुझे फंसाने की साजिश रच रही है। इसके खिलाफ जिला अधिवक्ता संघ बुधवार को पुलिस कमिश्नर से मिलेगा। इसके पहले भी, सौलत हनीफ के बयान के आधार पर पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में मेरा नाम लिया था, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों, मुख्यमंत्री और जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष को पत्र लिखकर सूचित किया था कि प्रयागराज पुलिस कभी भी झूठे केस में उन्हें फंसा सकती है। अब यही हो रहा है।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news