केंद्र की दो सामाजिक सुरक्षा योजनाओं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) से अब तक 7.79 लाख वंचित परिवारों को 15,592 करोड़ रुपये की मदद मिली है। इसमें पीएमजेजेबीवाई के तहत 6.64 लाख परिवारों को 13,290 करोड़ की राशि दी गई, जबकि पीएमएसबीवाई के जरिये 1.15 लाख से अधिक परिवारों को 2,302 करोड़ का लाभ मिला है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की 8वीं वर्षगांठ पर मंगलवार को कहा, तीनों सामाजिक (जन) सुरक्षा योजनाएं नागरिकों की भलाई के लिए हैं। इनका मकसद वंचितों को जरूरी वित्तीय सेवाएं मुहैया कराना है, जिनके पास वित्तीय अनिश्चितताओं जैसे जोखिमों से मुकाबला करने की क्षमता कम होती है।
हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाएंगे योजनाओं का लाभ
इन योजनाओं की पहुंच अधिकतम करने के लिए इन्हें एक लक्षित दृष्टिकोण के जरिये कार्यान्वित किया जा रहा है। हमारे पीएम की अगुवाई में सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह समर्पित है कि इन योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचे। पीएमजेजेबीवाई व पीएमएसबीवाई के लिए दावा प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। -निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री
दोनों योजनाओं में ग्रामीण इलाकों से सबसे ज्यादा नामांकन, राज्यों में उत्तर प्रदेश आगे
बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के एमडी-सीईओ एवं जीआई परिषद के चेयरमैन तपन सिंघल ने बताया कि पीएमजेजेबीवाई के तहत 16.2 करोड़ नामांकन में ग्रामीण इलाकों की हिस्सेदारी करीब 72 फीसदी और शहरी भारत की 28 फीसदी है। दिलचस्प बात यह है कि इस योजना से करीब 48 फीसदी पुरुष और 51 फीसदी महिलाएं बीमित हैं।
- पीएमएसबीवाई में हुए कुल 34.2 करोड़ नामांकन में करीब 71 फीसदी बीमाधारक ग्रामीण और 28 फीसदी शहरी इलाकों से हैं। 50% पुरुष और 49 फीसदी महिलाएं बीमित हैं।
- करीब 24 करोड़ की जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में पीएमजेजेबीवाई से 7 फीसदी और पीएमएसबीवाई से 20 फीसदी आबादी बीमित है।
जीवन बीमा का प्रीमियम बढ़ना बड़ी चिंता : सर्वे
जीवन बीमा के लिए प्रीमियम बढ़ना ग्राहकों की सबसे बड़ी चिंता है। इसे किफायती बनाए रखना प्रमुख मुद्दा बन गया है। हंसा रिसर्च के सर्वे में यह खुलासा हुआ है।
- सर्वे में शामिल 22 फीसदी ग्राहकों ने कहा, कंपनी से संपर्क नहीं होने से वे पॉलिसी छोड़ देते हैं।
- 80% ने माना, बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर/एजेंट को बीमा उत्पाद खरीदने के बाद 6 माह में एक बार उन्हें कॉल करना चाहिए।