एनसीएलटी ने पट्टेदारों, उधारदाताओं की वसूली से भी गो फर्स्ट को संरक्षण प्रदान किया है और फिलहाल इसपर पाबंदी लगा दी है। एनसीएलटी ने अपने फैसले में कहा कि हम दिवाला कार्यवाही के लिए गो एयरलाइंस की याचिका स्वीकार करते हैं। फैसले में कहा गया, “हम अभिलाष लाल को आईआरपी (Interim Resolution Professional) नियुक्त करते हैं।”
एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) ने स्वैच्छिक दिवाला सामाधान प्रक्रिया शुरू करने के लिए गो फर्स्ट की याचिका स्वीकार कर ली है। एनसीएलटी ने सीआईआरपी (Corporate Insolvency Resolution Process) के तहत कार्यवाही शुरू करने के लिए गो फर्स्ट की याचिका स्वीकार की है। एनसीएलटी ने गो-फर्स्ट को अपना काम और वित्तीय बाध्यताओं को पूरा करते रहने और किसी भी कर्मी की छंटनी नहीं करने को भी कहा हैकंपनी के बोर्ड को निलंबित किया गया
एनसीएलटी ने अपने फैसले में कहा कि हम दिवाला समाधान कार्यवाही के लिए गो फर्स्ट एयरलाइंस की याचिका स्वीकार करते हैं। दिवालिया घोषित करने से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कंपनी के बोर्ड को सस्पेंड कर दिया है। फैसले में कहा गया, “हम अभिलाष लाल को अंतरिम समाधान पेशेवर यानी आईआरपी (Interim Resolution Professional) नियुक्त करते हैं।”निलंबित निदेशकों को आईआरपी से सहयोग करने को कहा गया
फैसले के अनुसार निलंबित निदेशक मंडल आईआरपी के साथ सहयोग करेगा। निलंबित निदेशकों को तत्काल खर्च करने के लिए 5 करोड़ रुपये जमा करने के लिए भी कहा गया है। इस बीच एयरलाइन की ओर से कहा गया है कि परिचालन संबंधी परेशानियों के कारण गो फर्स्ट की 19 मई 2023 तक की सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
एयरलाइन को पट्टेदारों और उधारदाताओं की वसूली से फिलहाल संरक्षण
एनसीएलटी की पीठ ने बुधवार को एयरलाइन की उस अर्जी पर भी फैसला किया, जिसमें उसकी वित्तीय देनदारियों पर अंतरिम रोक लगाने की अपील की गई थी। एनसीएलटी ने पट्टेदारों, उधारदाताओं की वसूली से भी गो फर्स्ट को संरक्षण प्रदान किया है और फिलहाल इसपर पाबंदी लगा दी है। बता दें कि गो फर्स्ट पर करीब 11,463 करोड़ रुपये की देनदारी है। वाडिया ग्रुप की कंपनी ने विमान इंजन की सप्लाई संबंधी परेशानियों का हवाला देते हुए कहा था कि वह उड़ानों का संचालन नहीं कर पा रहा है।
पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने डीजीसीए से विमानों का पंजीकरण रद्द करने की मांग की है
दूसरी ओर गो फर्स्ट को पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने नागर विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए से एयरलाइन के विमानों का पंजीकरण खत्म करने का अनुरोध किया है। अब तक 45 विमानों का पंजीकरण रद्द करने की अपील हो चुकी है। बता दें कि दो मई को जब गो फर्स्ट के विमानों का परिचालन बंद हुआ था उस समय कंपनी के बेड़े में 55 विमान थे।
फैसले के बाद गो फर्स्ट के सीईओ ने दिया ये बयान
एनसीएलटी के फैसले पर गो फर्स्ट के सीईओ कौशिक खोना ने एनसीएलटी के फैसले पर बोलते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है क्योंकि दिवालियापन के आवेदन को इतनी जल्दी स्वीकार किया गया है। यह आदेश एक व्यवहार्य एयरलाइन को अव्यवहार्य बनने से बचाएगा।