प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए बुधवार को कहा कि निर्वाचित नेताओं का विचार प्राचीन भारत में शेष विश्व से बहुत पहले आम बात थी। उन्होंने कहा कि भारत का मार्गदर्शक विचार ‘सबका साथ, सबका विकास’ है, जिसका अर्थ ‘समावेशी विकास के लिए मिलकर प्रयास करना’ है।
प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को वर्चुअल माध्यम से लोकतंत्र के दूसरे शिखर सम्मेलन में नेता स्तरीय पूर्ण सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे भारत के 1.4 अरब लोगों की ओर से शुभकामनाएं लेकर आये हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि निर्वाचित नेताओं का विचार प्राचीन भारत में शेष विश्व से बहुत पहले एक सामान्य विशेषता थी। हमारे प्राचीन महाकाव्य महाभारत में नागरिकों का पहला कर्तव्य अपने नेता को चुनने के रूप में वर्णित किया गया है। हमारे पवित्र वेद, व्यापक आधारित परामर्शी निकायों द्वारा राजनीतिक शक्ति का प्रयोग करने की बात करते हैं। प्राचीन भारत में गणराज्य राज्यों के कई ऐतिहासिक संदर्भ भी हैं, जहां शासक वंशानुगत नहीं थे। भारत वास्तव में लोकतंत्र की जननी है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र केवल एक ढांचा नहीं है, यह एक आत्मा भी है। यह इस विश्वास पर आधारित है कि हर इंसान की जरूरतें और आकांक्षाएं समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। इसीलिए भारत में, हमारा मार्गदर्शक दर्शन सबका साथ, सबका विकास है, जिसका अर्थ ‘समावेशी विकास के लिए एक साथ प्रयास है।
उन्होंने कहा कि चाहे जीवन शैली में परिवर्तन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से लड़ने का हमारा प्रयास हो, वितरित भंडारण के माध्यम से जल संरक्षण करना हो, या सभी को स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन प्रदान करना हो, हर पहल भारत के नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से संचालित होती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौरान, भारत की प्रतिक्रिया लोगों द्वारा संचालित थी। यह वे हैं, जिन्होंने मेड इन इंडिया टीकों की 2 बिलियन से अधिक खुराक देना संभव बनाया है। हमारी ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल ने लाखों टीकों को दुनिया के साथ साझा किया। यह ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की लोकतांत्रिक भावना से भी निर्देशित था।
प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र के गुणों को लेकर कहा कि भारत, कई वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, आज सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। यह अपने आप में दुनिया में लोकतंत्र का सबसे अच्छा विज्ञापन है। यह खुद कहता है कि डेमोक्रेसी कैन डिलीवर ।