उत्तर प्रदेश के संभल में हुए कोल्ड स्टोरेज हादसे में शुक्रवार सुबह तक मलबे से 19 लोगों को बाहर निकाला गया। इनमें 8 की मौत हो चुकी है। जबकि 11 को गंभीर हालत में मुरादाबाद हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। 22 घंटे से रेस्क्यू चल रहा है। अभी 4-5 घंटे यानी दोपहर 2 बजे तक रेस्क्यू चलने का अनुमान है। रातभर डीएम और डीआईजी समेत सीनियर अधिकारी मौके पर जुटे रहे हैं।
DIG शलभ माथुर ने बताया, ” NDRF-SDRF की टीम ने रात भर रेस्क्यू चलाया। अभी चार से पांच परिवार हैं, जो अपने परिजन के मलबे में दबे होने की बात कह रहे हैं। उन मिसिंग लोगों की तलाश के लिए अभी सर्च अभियान चल रहा है। बिल्डिंग के नीचे गोदाम है, उसे क्लीयर करने तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा।
DM मनीष बसंल ने बताया कि गुरुवार दोपहर 12 बजे से रेस्क्यू शुरू हुआ था। रातभर में छत की कंक्रीट को हटाया गया। अब आलू के बोरे हैं, उनको एक-एक करके हटाया जा रहा है। इस कारण वक्त लग रहा है। उधर, कोल्ड स्टोरेज के मालिक अंकुर अग्रवाल और रोहित अग्रवाल के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
मृतकों के परिजन को 2-2 लाख, गंभीर घायलों को 50-50 हजार का मुआवजा
उधर, सीएम योगी ने मृतकों के परिजन को 2-2 लाख, गंभीर घायलों को 50-50 हजार का मुआवजा देने का ऐलान किया है। वहीं, सभी घायलों का फ्री में इलाज किया जाएगा। कमिश्नर और DIG मुरादाबाद की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। ये हादसे की जांच करके रिपोर्ट शासन को देगी।
सबसे पहले पढ़िए हादसा किन वजहों से हुआ…
पता चला कि कोल्ड स्टोर में एक चेंबर पहले से बना था। 6 महीने पहले जो दूसरा चेंबर बना था। उसकी प्रशासन से NOC नहीं ली गई थी। इसको लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया था। यही चेंबर पूरा ढह गया है।
आलू का दबाव पड़ने से पिलर टूटा…फिर छत ढही
जिस कोल्ड स्टोरेज में हादसा हुआ उसका नाम एके कोल्ड स्टोरेज है। यहां के एक कर्मचारी ने बताया, ”स्टोरेज को बेतरतीब तरीके से क्षमता से ज्यादा भरा जा रहा था। अफसर हम लोगों से और आलू भरने की बात बार-बार कह रहे थे। जब एक रैक भर गई तो गैलरी में भी जुगाड़ से लकड़ियों के फट्टे लगाए गए। उन पर आलू के बोरे लादते गए। आलू का अचानक दबाव पड़ने से स्टोरेज के बीच वाला पिलर तिरछा हो गया। जब तक कोई समझ पता, तब तक पिलर टूट गया और छत ढह गई।”
“छत टिन शेड और लोहे के एंगल के सहारे बनी हुई थी। बड़े-बड़े एंगल, टिन शेड और आलू के ढेर लोगों पर गिर गए। मैं भी बोरियों का धक्का लगने से गिरा, लेकिन गनीमत रही कि मेरे ऊपर कोई पिलर और बोरी नहीं गिरी। मैं उठा और चिल्लाकर बाहर भागा। इसके बाद पीछे मुड़कर देखा तो पूरा कोल्ड स्टोर मलबे में तब्दील हो चुका था। सभी लोग मलबे में दब गए।”
किसान बोला- लोग आलू की बोरियों के बीच से चिल्ला रहे थे
हादसे से चंद मिनट पहले उसी कोल्ड स्टोर में आलू की बोरियां रखवाने पहुंचे किसान ने हमें हादसे की आंखों देखी बताई। उनकी आंखों में कोल्ड स्टोरेज में दबे हुए लोगों की चिंता और राहत कार्य देरी से शुरू होने का गुस्सा साफ नजर आ रहा था।
उन्होंने बताया,“मेरे घर से कोल्ड स्टोरेज 5 किमी दूर है। सुबह पौने 11 बजे होंगे, मैं कोल्ड स्टोरेज पहुंचा, वहां काम कर रहे मजदूरों से बातचीत करने लगा। कोल्ड स्टोरेज के अंदर 30 से ज्यादा लोग थे। कोई किसान ट्रॉली में आलू लादे खड़ा था तो कई मजदूर अंदर आलू के बोरे को ऊपर की रैक में रखवा रहा था। मैं अंदर जाने ही वाला था कि लकड़ियों के गिरने की आवाज आई और धमाके के साथ पूरा कोल्ड स्टोरेज भरभराकर जमींदोज हो गया।”
“अंदर फंसे लोग चिल्ला रहे थे, हम लोग बेबस थे”
किसान ने आगे बताया, “हमने अपने हाथों से बोरे हटाने शुरू किए। पुलिस को सूचना दी। पुलिस की गाड़ियां तो पहुंची लेकिन खाली हाथ। काफी देर तक न कोई मशीन मलबा हटाने आई न कोई बड़ा अफसर मौके पर नजर आया। करीब 2 से 3 घंटे तक हम लोग खुद मलबा हटाते रहे। इसके बाद कई थानों की पुलिस और 4-5 जेसीबी पहुंचीं। तब कहीं जाकर मलबा हटाने का काम शुरू हुआ।”
वहीं, स्टोरेज में मजदूरी करने आए कुंवरपाल ने बताया, “अंदर फंसे लोग चिल्ला रहे थे। हम लोग बेबस थे। बाहर से यही कह रहे थे, मशीनें आ गई हैं। सबको निकाला जा रहा है। इसके बाद बड़े अफसर मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने लगे कि सभी को निकाल लिया जाएगा।”
हादसे में मारे गए व्यक्तियों के नाम…
1.रोहताश पुत्र भूरे
2.राकेश पुत्र चन्द्रपाल
3.इश्तियाक पुत्र रशीद
4. प्रेम निवासी कैथल
(4 लोगों की अभी पहचान नहीं हो पाई)