संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का आज दूसरा दिन है। सूत्रों के मुताबिक विपक्ष आज फिर से सरकार से अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में JPC की मांग कर सकता है। बता दें, सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामे की भेंट चढ़ गई।
दोनों सदनों में राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयान को लेकर भाजपा ने माफी की मांग की। इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार अडाणी मुद्दे पर जांच से भाग रही है। हमारी बात नहीं सुनी जाती लेकिन हम विक्रम बेताल की तरह पीछा नहीं छोड़ेगे। विपक्ष के नेता अडानी मुद्दे पर वेल में आ गए और JPC की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। हंगामे को देखते हुए दोनों सदनों को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया।
राहुल ने कैम्ब्रिज में कहा था कि भारत की संसद में माइक बंद कर दिए जाते हैं
इस महीने की शुरुआत में राहुल गांधी लंदन दौरे पर थे। यहां उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में कहा था कि भारत की संसद में माइक बंद कर दिए जाते हैं। विपक्ष अपनी आवाज नहीं रख सकता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष का कोई नेता किसी भी यूनिवर्सिटी में बोल नहीं सकता है। भारत में लोकतंत्र पर सीधा प्रहार हो रहा है।
सत्र से पहले 16 विपक्षी दलों की कांग्रेस अध्यक्ष के घर बैठक हुई
बजट सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई। सोनिया गांधी भी इस बैठक में नजर आईं, वहीं बैठक में 16 दल शामिल हुए। बैठक खत्म होने के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर कांग्रेस ने देशभर में प्रदर्शन किया
अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर कांग्रेस देश के अलग-अलग राज्यों में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। मध्यप्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा समेत तमाम राज्यों की राज्य कांग्रेस कमेटियों ने राजभवन का घेराव किया।
राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडाणी पर निशाना साधते हुए उनकी तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से कर दी। रंधावा ने पीएम मोदी पर कई बड़े आरोप लगाए। उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कहीं चुनाव लड़ने के लिए मोदी ने पुलवामा कांड तो नहीं करवाया?
एक महीने की छुट्टी के बाद फिर शुरू हुआ है सत्र
एक महीने की लंबी छुट्टी के बाद यह सत्र शुरू हुआ है। सत्र का पहला चरण 31 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू हुआ था, जो कि 13 फरवरी तक चला। जिसमें 10 बैठकें (छुट्टी को छोड़कर) हो चुकी हैं, जिनमें 4 बार सदन को हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा था। इसी दौरान राष्ट्रपति के संबोधन पर धन्यवाद ज्ञापन और केंद्रीय बजट 2023-24 पर चर्चा हुई थी।
लोकसभा में 9, राज्य सभा में 26 बिल पेश होने हैं
लोकसभा-राज्यसभा से मिले बुलेटिन के मुताबिक, संसद के इस सत्र में कुल 35 बिल पेंडिंग हैं। इनमें लोकसभा में 9 और राज्य सभा में 26 बिल पेश होने हैं। हालांकि, सत्र के पहले चरण में विधेयकों पर चर्चा और पारित किए जाने की संभावना कम है। वहीं, कई महत्वपूर्ण बिल भी पेश किए जा सकते हैं।
बजट सत्र के पहले चरण की 7 प्रमुख बातें-
1. राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत
बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को सेंट्रल हॉल में लोकसभा और राज्यसभा दोनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ हुई। राष्ट्रपति मुर्मू ने पहली बार संसद के ज्वाइंट सेशन को संबोधित किया। उन्होंने 1 घंटे 2 मिनट तक चले अपने अभिभाषण में कहा कि भारत में मजबूत इच्छाशक्ति वाली सरकार है, जो बिना डरे काम कर रही है। इसके लिए राष्ट्रपति ने सर्जिकल स्ट्राइक, आतंकवाद पर सख्ती, आर्टिकल 370 और तीन तलाक का हवाला दिया।