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ज्वालामुखी जैसा करंट, भाई के पैर, बहन का हाथ कटा:मैरिज गार्डन को सीज तक नहीं किया, हादसे के बाद 2 और शादियां

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ऊपर वीडियो में जो बच्ची नजर आ रही है, वो है 3 साल की मीनाक्षी और जो बच्चा दिख रहा है, वो है ढाई साल का प्रिंस। दोनों ने ज्वालामुखी फटने जितना खतरनाक 11 हजार केवी का करंट अपने शरीर पर झेला। हादसे में प्रिंस ने दोनों पैर और मीनाक्षी ने एक हाथ गंवा दिया।

करौली के कुडगांव के रहने वाले चचेरे बहन-भाई मीनाक्षी और प्रिंस 23 जनवरी को एक शादी समारोह में शामिल होने परिवार के साथ मैरिज गार्डन में गए थे। समारोह में महिलाएं गीत गा रही थीं। बैंड-बाजे बज रहे थे। चारों तरफ खुशी का माहौल था।

फोटो प्रिंस का है। हादसे में उसके दोनों पैर काटने पड़े।
फोटो प्रिंस का है। हादसे में उसके दोनों पैर काटने पड़े।

इस बीच मीनाक्षी और प्रिंस खेलते हुए छत पर चले गए। दोनों छत के ऊपर से गुजर रही 11 हजार केवी की लाइन की चपेट में आ गए। मीनाक्षी छत पर ही गिर गई, लेकिन प्रिंस झटके से नीचे आकर गिर पड़ा। कुछ लोग नीचे प्रिंस को संभाल रहे थे तो कुछ छत की तरह दौड़े। छत पर मीनाक्षी बेहोश पड़ी थी। परिवार वाले दोनों को जयपुर के निजी अस्पताल में लेकर आए।

27 दिन से दोनों बहन-भाई अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। प्रिंस के दोनों पैर और लक्ष्मी का एक हाथ काटकर शरीर से अलग करना पड़ा।

मामले में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि हादसे के 27 दिन बाद भी मैरिज गार्डन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहां अब भी शादियां हो रही हैं। मैरिज गार्डन संचालक और पुलिस दोनों अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए परिवार को हादसे का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

ये मीनाक्षी है। भाई प्रिंस के साथ मीनाक्षी भी हादसे का शिकार हो गई। उसका भी एक हाथ काटना पड़ा।

भास्कर टीम दोनों बच्चों का दर्द जानने अस्पताल पहुंची। पता चला परिवार के लिए दोनों का इलाज करा पाना भी चुनौती साबित हो रहा है। 27 दिन में इलाज पर 22 लाख रुपए से ज्यादा खर्च हो चुके हैं।

बच्चों के इलाज के लिए परिवार ने प्लॉट, जेवर सब कुछ दांव पर लगा दिए हैं। भास्कर ने एक्सपर्ट से बात कर ये भी समझने की कोशिश की कि मासूमों के लिए कितना खतरनाक था ये करंट?

ज्वालामुखी जितना खतरनाक करंट, सारे बॉडी पार्ट जला देता है

डॉक्टर प्रशांत पाराशर का कहना है कि 11000 केवी का करंट लगने पर शरीर में वोल्केनो (ज्वालामुखी) के फटने जैसी स्थिति होती है। वोल्केनो की तरह से ही हीट बनती है। इस करंट से निकली हीट के रास्ते में जो भी बॉडी पार्ट आते हैं, सब जल जाते हैं।

जहां से करंट निकलता है, वहां काफी बड़ा होल (गड्‌ढा) हो जाता है। जितनी ज्यादा करंट की पावर होती है, उतनी ज्यादा हीट बर्न होती है। जैसे, एक गोली बॉडी में घुसती है तो वहां 5 एमएम का छेद हो जाता है, लेकिन जहां से निकलती है, वहां 10 एमएम से ज्यादा का होल बन जाता है।

3 से 4 प्रतिशत ही बचने के चांस

डॉक्टर प्रशांत पाराशर बताते हैं कि 11000 केवी का करंट लगने पर बचने के चांस 3 से 4 प्रतिशत ही होते हैं। क्योंकि जब करंट लगता है तो हार्ट फेल हो जाता है। उसके पंप करने की क्षमता खत्म हो जाती है। बॉडी पाट्‌र्स जल जाते हैं।

शरीर के सारे ऑर्गन फेल हो जाते हैं। करंट से जो हीट एनर्जी बनती है, उससे हार्ट काम करना बंद कर देता है। जिसको बर्न नहीं होता है, वे हार्ट फेल होने से मर जाते हैं। अधिकतर इलेक्ट्रिक शॉर्ट लगने पर हार्ट फेल से ही मौत होती है।

अस्पताल के एक कोने में गुमसुम बैठा था परिवार

तो बच्चे के दादा भागीरथ शर्मा अपने तीनों बेटे कमल लोचन, चेतन शर्मा, विकास शर्मा और रिश्तेदार सचिन शुक्ला के साथ गुमसुम बैठे थे। भास्कर टीम ने बात शुरू की तो दादा भागीरथ बोले- एक हादसे ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। 27 दिनों से अस्पताल ही घर बना हुआ है। दिनभर यहीं रहते हैं और रात को गैलेरी में सो जाते हैं। दोनों बच्चे आईसीयू बर्न वार्ड में है।

दोनों बच्चे अब भी हॉस्पिटल में भर्ती है। दादा से लेकर चाचा और दूसरे रिश्तेदार हॉस्पिटल में दोनों के जल्द सही होने की दुआ कर रहे हैं।
दोनों बच्चे अब भी हॉस्पिटल में भर्ती है। दादा से लेकर चाचा और दूसरे रिश्तेदार हॉस्पिटल में दोनों के जल्द सही होने की दुआ कर रहे हैं।

मीनाक्षी और प्रिंस दोनों चचेरे भाई-बहन है। मीनाक्षी के पिता विकास शर्मा और प्रिंस के पिता चेतन शर्मा दोनों सगे भाई हैं। चेतन के दो बच्चे यश और प्रिंस है। वहीं, विकास के एक बच्ची मीनाक्षी है।

दो प्लॉट, पत्नी के गहने तक गिरवी रख दिए

प्रिंस के पिता चेतन शर्मा ने बताया कि दोनों बच्चों के इलाज के लिए दो प्लॉट, पत्नी के गहने गिरवी रख चुके हैं। मकान की रजिस्ट्री गिरवी रख कर रुपए ब्याज पर लिए है। बच्चों के इलाज पर रोजाना 80 हजार का खर्चा आता है।

जिस दिन ऑपरेशन थियेटर में ले जाते हैं तो 30 से 40 हजार एक्स्ट्रा लगता है। अब तक 22 लाख रुपए से ज्यादा खर्च हो चुके हैं। अब लड़ते-लड़ते हिम्मत टूट चुकी है। रोने का मन करता है। लेकिन किसी के सामने रो भी नहीं पाते हैं। बच्चों की हालात देखी ही नहीं जाती है।

फोटो हादसे से पहले के हैं। इस हादसे ने दोनों भाई-बहन की सूरत ही बदल दी। बच्चों की हालात देख परिजनों के आंसू नहीं रुक रहे हैं।

कुडगांव में मिठाई की दुकान करता है परिवार

भागीरथ शर्मा बताते हैं कि उनकी कुडगांव स्टैंड पर मिठाई की दुकान है। 23 जनवरी को बुआ के बेटे नीरज शर्मा की शादी में भात लेकर गए थे।

26 जनवरी को बारात हिंडौन जानी थी। कुडगांव में मैरिज गार्डन में टीका लग्न आया था। पूरा परिवार मेहमानों की अगुवानी में लगा हुआ था। गीत-संगीत बज रहे थे। सभी नीचे ही बैठे हुए थे, तभी हादसा हो गया।

फोटो प्रिंस और उसके मां-बाप का है। इस हादसे में प्रिंस करंट लगते ही कचरे की ट्रॉली में जा गिरा था।
फोटो प्रिंस और उसके मां-बाप का है। इस हादसे में प्रिंस करंट लगते ही कचरे की ट्रॉली में जा गिरा था।

दादा ने बताया कि मीनाक्षी और प्रिंस अचानक खेलते हुए ऊपर छत पर चले गए। छत से चढ़ कर वे टीन के पास पहुंच गए।

वहां पर 11 हजार केवी की बिजली की लाइन निकल रही थी, जो काफी नीचे लटक रही थीं। जैसे ही दोनों बच्चे लाइन के पास पहुंचे तो चपेट में आ गए।

करंट लगते ही मीनाक्षी छत पर ही गिर गई। वहीं प्रिंस झटके से गार्डन के पीछे की साइड में आकर गिरा। नीचे एक महिला भैंस चरा रही थी।

नीचे दोने-पत्तल से भरी कचरे की ट्रॉली खड़ी थी। प्रिंस इसी ट्रॉली में आकर गिरा। महिला ने उसे गिरते देख लिया था।

वह अंदर समारोह में पहुंची और परिवार को बताया। कुछ लोग छत पर चढ़ कर पहुंचे। दोनों बच्चे बेहोश हो गए थे और 80 प्रतिशत झुलस चुके थे।

पहले गंगापुर सिटी, फिर जयपुर लाए
परिवार दोनों बच्चों को तुरंत गंगापुर सिटी के निजी हॉस्पिटल में लेकर पहुंचा। वहां पर गंभीर हालत देखकर डॉक्टरों ने उन्हें जयपुर ले जाने के लिए बोला। गंगापुर सिटी से जयपुर 185 किलोमीटर दूर था। 3 घंटे लगे, वहां से जयपुर पहुंचने में।

इस दौरान पूरा परिवार सिर्फ भगवान से प्रार्थना कर रहा था। नाजुक हालत देखकर जयपुर में भी 2 अस्पतालों ने इलाज करने से मना कर दिया। इसके बाद टोंक रोड पर स्थित अस्पताल में लेकर पहुंचे। वहां पर इलाज शुरू हुआ।

अपने मां-बाप के साथ मीनाक्षी। मासूम बच्ची की हालत भी नाजुक बताई जा रही है।
अपने मां-बाप के साथ मीनाक्षी। मासूम बच्ची की हालत भी नाजुक बताई जा रही है।

4 इंच गहरे घाव, पसलियां दिखने लगी
बच्चों के करंट लगने से हालत इतनी नाजुक हो गई थी कि सिर और पीठ में 4 इंच गहरा घाव था। पीठ में इतना गहरा घाव था कि पसलियां भी दिखाई लेने लग गई थी। हाथ, पैरों में भी गहरे घाव हो गए थे। हाथ तो जल कर राख हो गया था।

इंफेक्शन बढ़ता जा रहा था। डॉक्टर्स को मीनाक्षी का एक हाथ कंधे से अलग करना पड़ा और प्रिंस के दोनों पैरों को काटना पड़ा।

बच्चों की आईसीयू में ये हालात देखकर परिवार मायूस हो गया। 27 दिनों के बाद भी बच्चों की हालत नाजुक बनी हुई है। बच्चे अभी भी बेसुध ही रहते हैं।

नॉर्मल होने पर जेके लोन ले गए, नहीं मिली सुविधाएं

चेतन शर्मा ने बताया कि रोजाना 80 हजार रुपए की व्यवस्था कर पाना उनके लिए मुश्किल हो रहा था। एक हफ्ते पहले बच्चों की स्थिति में कुछ सुधार होने पर वे जेके लोन अस्पताल में लेकर गए।

वहां पर दोनों को एडमिट कर लिया था। उन्होंने सोचा कि अब खतरा टल गया है। बच्चों का इलाज सरकारी अस्पताल में करा लेते हैं, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यहां पर दिक्कतें बढ़ जाएगी।

चेतन ने बताया कि 3 दिन अस्पताल में रखा था। घावों पर ड्रेसिंग भी नहीं की जा रही थी। घावों में मवाद (पस) पड़ने लग गई थी।

बच्चों की हालत बिगड़ती जा रही थी और कोई सुनवाई नहीं कर रहा था। दिन-रात नर्सों के पास चक्कर लगाते रहते थे। इसके बाद परेशान होकर वापस निजी अस्पताल में ले आए।

इसी मैरिज गार्डन में ये हादसा हुआ था। यहीं से निकल रही 11 हजार केवी की लाइन में प्रिंस और मीनाक्षी चपेट में आ गए थे।
इसी मैरिज गार्डन में ये हादसा हुआ था। यहीं से निकल रही 11 हजार केवी की लाइन में प्रिंस और मीनाक्षी चपेट में आ गए थे।

हादसे के बाद मैरिज गार्डन में दो शादी

भागीरथ शर्मा रोते हुए बोले- मेरे पोते-पोती की जिंदगी तो बर्बाद हो गई। हाथ-पैर कट जाने के बाद उनका जीवन कैसे कटेगा। हम कुडगांव थाने में रिपोर्ट लेकर गए तो थानेदार धमकाने लग गए। बोले कि पहले ही देखकर मैरिज गार्डन करना चाहिए था।

बोले कि आपकी भी लापरवाही है। एफआईआर दर्ज होने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्रशासन ने मैरिज गार्डन को भी सील नहीं किया गया है। यहां तक कि मैरिज गार्डन में हादसा होने के बाद दो शादी हो चुकी है।

भागीरथ शर्मा ने आरोप लगाया कि- मैरिज गार्डन के मालिक राजेश सैनी हैं। वो बिना परमिशन के तीन साल से मैरिज गार्डन चला रहे हैं। विभाग से भी किसी तरह की एनओसी नहीं ले रखी है।

मैरिज गार्डन के पीछे से गुजर रही 11 हजार केवी की लाइन। इस मामले के बाद मैरिज गार्डन संचालक अपनी गलती मानने को तैयार ही नहीं और परिवार की लापरवाही बता रहा है।
मैरिज गार्डन के पीछे से गुजर रही 11 हजार केवी की लाइन। इस मामले के बाद मैरिज गार्डन संचालक अपनी गलती मानने को तैयार ही नहीं और परिवार की लापरवाही बता रहा है।

मैरिज गार्डन संचालक बोला- परिवार की लापरवाही

 उनका कहना था कि मैंने कई बार मौखिक और लिखित रूप से लाइनों को हटाने के लिए विभाग को बोला था। इसके बावजूद भी लाइनों को हटाया नहीं गया था। लाइनें छत के पीछे से निकल रही है। दोनों बच्चे छत पर चढ़ने के बाद टीन से निकल कर वहां पर पहुंचे थे। परिवार की भी लापरवाही रही है।

वहीं मामले में कुडगांव थानाधिकारी जगदीश भारद्वाज का कहना है कि मामला काफी पुराना हो चुका है। रिपोर्ट मिलने के बाद हमने मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामले में अनुसंधान किया जा रहा है। दोनों बच्चे अभी अस्पताल में एडमिट है। मेडिकल कराने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ये बच्चों की दादी है। बच्चों का इंतजार कर रही है। रो-रो कर बुरा हाल हो रखा है।

दादी बोली- बच्चे न मरे और न जिंदा रहे

कच्चे घर के आंगन में सास-बहू बैठी हुई थी। हादसे के बारे में पूछने पर रोने लगीं। बच्चों की दादी शिमला शर्मा बोलीं- घर का आंगन सूना पड़ा है। घर में अभी हम दो महिलाएं ही हैं। 27 दिनों से बच्चों और परिवार का इंतजार कर रही हैं।

जमा पूंजी सब लगा चुके हैं। लोगों से कर्जा ले कर इलाज करा रहे हैं। रोते हुए बोलीं- बच्चों की ऐसी स्थिति हो चुकी है कि मरे भी नहीं और जिंदा भी नहीं हैं।

पूरा जीवन ही खराब हो चुका है। बच्चे कैसे अपना जीवन काटेंगे। कोई सहारा नहीं बचा है। घर, प्लॉट, सोने-चांदी के गहने गिरवी रख चुके हैं। सरकार से लेकर पुलिस और प्रशासन किसी ने मदद नहीं की।

80 साल की परदादी दुलारी देवी बोलीं कि घर में खाने के लिए गेंहू भी नहीं है। बुजुर्ग हूं, बिल्कुल झूठ नहीं बोल रही हूं। कुछ खाना भी अच्छा नहीं लग रहा है।

रो-रो कर आंखें लाल हो चुकी है। दुकान बंद पड़ी है। इस उम्र में ये दिन देखने पड़े हैं। मेरा बुढ़ापा बिगड़ गया है। परिवार के 8 लोग जयपुर में है। पूरा परिवार परेशान है। सूने घर में कुछ अच्छा नहीं लगता है।

अब छत पर जाने का रास्ता कराया बंद
मैरिज गार्डन संचालक राजेश सैनी ने हादसा होने के बाद छत पर जाने का रास्ता अस्थाई तौर पर बंद करवा दिया। लकड़ी के पलंग को गेट पर लगा दिया है।

र की मदद के लिए वॉट्सऐप ग्रुप में आर्थिक मदद के लिए मुहिम शुरू की है।

चेतन शर्मा के फोन-पे नंबर 7742813123 और विकास शर्मा के गूगल पे नंबर 9784933671 पर सौ रुपए से लेकर 11 हजार रुपए तक आर्थिक मदद कर रहे हैं

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