राजस्थान कांग्रेस में संगठन विस्तार नहीं हुआ है। 26 जनवरी से कांग्रेस का हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू होने जा रहा है। इस अभियान में कांग्रेस बिना संगठन की टीम के उतरने जा रही है। राजस्थान से भारत जोड़ो यात्रा गुजर जाने, नए प्रभारी लग जाने के बाद भी कांग्रेस में नई टीम नहीं बन सकी।
कांग्रेस के नए अध्यक्ष बने भी 4 महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है। यहां तक कि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में कमल नाथ की नई टीम बन गई है। लेकिन राजस्थान में कांग्रेस इसे लेकर अब भी अधरझूल नजर आती है।
कांग्रेस ने इस महीने की शुरुआत 100 ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति के साथ की। 4 जनवरी को 100 ब्लॉक अध्यक्षों की पहली लिस्ट आई। माना गया कि अब कांग्रेस जल्द ही तमाम संगठनात्मक नियुक्तियां कर दी जाएंगी।
लेकिन 20 दिन से ज्यादा का समय होने बाद अब तक भी ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त नहीं हुए हैं। कांग्रेस ने उसके बाद 88 और 47 की संख्या में ब्लॉक अध्यक्षों की दो सूचियां और जारी की। ऐसे में अब तक 235 ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त हुए। 165 ब्लॉक अब भी खाली हैं।
जिलाध्यक्षों की सूची का अब भी इंतजार
दूसरी ओर लम्बा समय बीत जाने के बावजूद अब तक जिलाध्यक्षों की कोई लिस्ट जारी नहीं हुई। कांग्रेस को लगभग 35 नए जिलाध्यक्ष नियुक्त करने हैं। लेकिन अब तक इसकी एक भी सूची नहीं आई है। कुछ जिलों को छोड़कर पूरे प्रदेश में निर्वतमान कार्यकारिणी ही काम कर रही है। जयपुर और कोटा में तो कांग्रेस को तीन-तीन जिलाध्यक्ष लगाने हैं। मगर अब तक एक भी नहीं लग सका है।
डोटासरा बोले थे : 15 दिन में हो जाएंगी नियुक्तियां
कांग्रेस ने उदयपुर में हुए चिंतन शिविर में यह निर्णय लिया था कि प्रदेशों में 90 से 180 दिन के भीतर तमाम संगठनात्मक नियुक्तियां हो जाएंगी। मगर तब से अब तक 250 दिन से ज्यादा हो गए और कांग्रेस में नियुक्तियां आधी भी नहीं हो सकी हैं।
पिछले साल 27 दिसम्बर को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि अगले 15 दिनों में तमाम नियुक्तियां कर दी जाएंगी। मगर उसे भी लगभग महीना भर पूरा हो गया।
हाथ से हाथ जोड़ो अभियान भी निवर्तमान पदाधिकारियों के भरोसे
कांग्रेस का हाथ से हाथ जोड़ो अभियान 26 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। कांग्रेस इसे भारत जोड़ो यात्रा के एक्सटेंशन के रूप में देख रही है। कांग्रेस ने इसके लिए प्रभारी और पर्यवेक्षक भी बनाए हैं। मगर जिलों में इस अभियान को भी कांग्रेस अपने निवर्तमान पदाधिकारियों के बूते ही करेगी। जिलाध्यक्ष तो ज्यादातर जहां पुराने होंगे ही, वहीं पूरी कार्यकारिणी भी पुरानी होगी। वहीं कई ब्लॉक में तो ब्लॉक अध्यक्ष भी निवर्तमान ही होंगे।
उपचुनाव-भारत यात्रा, चिंतन शिविर सब पुरानी टीम के बूते
कांग्रेस की पूर्व कार्यकारिणी रद्द हुए ढाई साल से ज्यादा हो गया है। इस बीच में कई बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हुए जो कांग्रेस ने अपनी निवर्तमान टीम के बूते किए। 6 सीटों पर उपचुनाव, 4 सीटों के राज्यसभा चुनाव, चिंतन शिविर, निकाय और पंचायत चुनाव, भारत जोड़ो यात्रा सहित कई बड़े राजनीतिक घटनाक्रम पुरानी टीमों के बूते हो गए।
इसी तरह अब हाथ से हाथ जोड़ो अभियान भी कांग्रेस पुरानी टीम के बूते ही करेगी। हालांकि यह अभियान 2 महीने चलेगा, ऐसे में इस बीच नियुक्तियां होने की संभावना है।
प्रभारी बदले मगर कांग्रेस का ढर्रा वही
राजस्थान में कांग्रेस को लेकर यह माना जा रहा था कि प्रदेश प्रभारी बदलने के बाद कांग्रेस में स्थितियां बदलेंगी। मगर ऐसा हुआ नहीं। राजस्थान में 4 दिसम्बर को अजय माकन के स्थान पर सुखजिंदर सिंह रंधावा को प्रभारी बनाया गया था। उसके बाद से अब तक डेढ़ महीने बाद भी कांग्रेस में संगठनात्मक नियुक्तियां तक पूरी नहीं हो पाई हैं। इस बीच राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा भी राजस्थान से गुजर चुकी है।
बजट तक फिर टल सकता है प्रोसेस
राजस्थान में फिलहाल पूरी मशीनरी बजट की तैयारियों में जुटी है। फिलहाल बजट को लेकर संभावित तिथि 8 फरवरी सामने आई है। ऐसे में 8 फरवरी के आसपास बजट जारी होगा। कांग्रेस सरकार इस बजट को यादगार बनाने की तैयारी में है। दूसरी तरफ जिलाध्यक्षों और बाकी बचे ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति में खींचतान की संभावना भी है।
ऐसे में बजट के आसपास या उसके बाद तक ये नियुक्तियां टल सकती हैं।