मऊ सदर के विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के हिसाब किताब वाले बयान पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। अब्बास ने विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ में विवादित बयान दिया था। इसके बाद उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। इस मामले में अंतिम सुनवाई मंगलवार को हुई।
मामले को सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था। याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय की ओर से मंगलवार को बहस करने का अनुरोध किया गया था। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए मंगलवार को तिथि तय कर दी थी। आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया। अब्बास अंसारी ने विधान सभा चुनाव में मऊ में आयोजित रैली में अधिकारियों से हिसाब-किताब करने का विवादित बयान दिया था। इस पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की गई। अब्बास ने प्राथमिकी को चुनौती देकर इसे रद्द करने की मांग की है।
वायरल वीडियो के अनुसार इसमें सपा-सुभासपा गठबंधन के प्रत्याशी अब्बास अंसारी यह कहते नजर आ रहे हैं कि जिस नेता के साथ लाखों-करोड़ों बाहों का बल हो वह बाहुबली नहीं होगा तो कौन होगा। हम हैं, हमें इससे कोई गुरेज नहीं है। अगर मेरे लोगों की इज्जत, आन, बान, शान और आबरू पर कोई आंच डालने की कोशिश करेगा तो उस आंच को बुझाना हम जानते हैं।
आज तक बुझाया है, आगे भी बुझाएंगे, हमें कोई रोक नहीं सकता। आगे कहा कि जिस दिन लखनऊ से आ रहा था उस दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश भैया से मिला और लंबी बातचीत हुई। मैं उनसे कहकर आया हूं कि छह महीने तक किसी की ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं होगी भइया। अब्बास ने आगे कहा, पहले जिन्होंने लोगों के कैरियर बर्बाद किए हैं। जिन्होंने जिनके ऊपर मुकदमे लगाए हैं, पहले उन अधिकारियों का हिसाब-किताब होगा।