हरियाणा में बूस्टर डोज में बड़ी लापरवाही के बाद सरकार बचाव की तैयारियों में जुट गई है। अस्पतालों में तैयारियों की जांच के लिए राज्य भर में मॉक ड्रिल रखी गई है। 24 घंटे में फिर गुरुग्राम सहित 3 जिलों में कोरोना के नए केस मिले हैं। गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पहले ही जीनोम सीक्वेंसिंग करवाने के आदेश दे चुके हैं। साथ ही अधिकारियों को कोरोना को टेस्ट – ट्रैक और ट्रीट फार्मूले को भी फॉलो करने की हिदायत दी है।
मॉक ड्रिल में क्या होगा
सरकार के निर्देशानुसार राज्य के सभी नागरिक अस्पतालों में कोरोना से निपटने के लिए किए प्रबंधों की मॉक ड्रिल की जाएगी। इस दौरान सिविल सर्जन सहित डॉक्टरों की टीम मौके पर रहेगी, जो इस दौरान पाई जाने वाली कमियों पर भी पैनी नजर रखेंगी। अगर कोई उपकरण खराब पाया जाता है तो उसे तुरंत प्रभाव से ठीक कराया जाएगा। साथ ही डॉक्टर व स्टाफ को ड्यूटी के दौरान कोई संशय रहता है तो उनका प्रशिक्षण करवाया जाएगा।
ऑक्सीजन की होगी पड़ताल
नागरिक अस्पतालों में दोपहर दो बजे मॉक ड्रिल की जाएगी। सबसे पहले डॉक्टरों की टीम ऑक्सीजन प्लांट से की जाने वाली सप्लाई की जांच करेगी। इसमें कितनी मात्रा में और मरीजों को किस समय ऑक्सीजन देनी है यह भी प्रत्यक्ष रूप से दिखाया जाएगा। इसके बाद वार्डों में बने ऑक्सीजन के पॉइंटों को देखा जाएगा और ऑक्सीजन कंस्टेटर और सिलेंडर की आवश्यकता और प्रयोग किया जाएगा।
मरीजों की देखभाल की दी जाएगी जानकारी
ऑक्सीजन संबंधित व्यवस्था के बाद आइसोलेशन वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीज की देखभाल के बारे में जानकारी दी जाएगी। वहीं अगर कोई मरीज की हालत गंभीर हो जाती है उसे आईसीयू में भी दाखिल किया जाएगा। जहां स्टाफ के कार्य की गहनता से जांच की जाएगी। अगर इस दौरान लगता है कि चिकित्सक या पैरा मेडिकल स्टाफ को कोई संशय है तो उनका प्रशिक्षण करवाया जाएगा।
एंबुलेंस विभाग की भूमिका पर भी नजर
इसके अलावा कोविड के दौरान एंबुलेंस विभाग की भूमिका भी देखी जाएगी। मॉक ड्रिल का उद्देश्य स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था की जांच करना है। जिसमें अगर खामियां मिलती है तो उन्हें तुरंत प्रभाव से दुरुस्त करवाने का काम किया जाएगा।