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1000 दिन बाद कोरोना मुक्त हुआ लखनऊ, सक्रिय मामलों की संख्या अब शून्य

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महामारी की भयंकर आंधी के बाद मंगलवार को पूरे एक हजार दिन बाद राजधानी लखनऊ को कोरोना संक्रमण से मुक्ति मिल गई। मंगलवार को एकमात्र संक्रमित व्यक्ति कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गया और कोई नया मामला नहीं मिला। इसकी वजह से सक्रिय मामलों की संख्या शून्य हो गई। राजधानी में 11 मार्च 2020 को पहली बार कोरोना संक्रमण का नया मामला मिला था। इसके बाद संक्रमण के नए मामलों में उतार-चढ़ाव जारी रहा, लेकिन सक्रिय केस की संख्या शून्य तक नहीं पहुंची।

पूरे विश्व में खौफ का पर्याय बने कोरोना संक्रमण ने 11 मार्च 2020 को लखनऊ में दस्तक दी थी। उस समय विदेश से लौटी गोमतीनगर निवासी महिला डॉक्टर में वायरस की पुष्टि हुई थी। इसके बाद लखनऊ में नए केस मिलने का सिलसिला शुरू हुआ तो थमने का नाम नहीं लिया। इस बीच सिंगर कनिका कपूर के लखनऊ में हुए एक शो के बाद नए केस का सिलसिला तेजी से बढ़ने लगा। आलम यह हो गया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान एक दिन में साढ़े हजार तक नए केस मिले थे।

 

अब तक 2701 मरीज की मौत
लखनऊ में कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक 2701 मरीज की जान जा चुकी है। मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या बीपी, शुगर या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित नागरिकों की ज्यादा रही। कोरोना संक्रमण और मरने वालों का आंकड़ा भी दूसरी लहर के दौरान ही ज्यादा रहा। कोरोना टीकाकरण की शुरुआत होने के बाद दोनों ही मामलों में कमी देखने को मिली।

74 लाख से ज्यादा जांच, तीन लाख से ज्यादा पॉजीटिव मामले
राजधानी में अब तक कुल मिलाकर 74 लाख 59 हजार 915 नमूने लिए जा चुके हैं। इनमें से तीन लाख छह हजार 403 नमूनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह के अनुसार प्रदेश सरकार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और कर्मचारियों ने संकट की घड़ी में भी दिन रात एक करके काम किया है। इसकी वजह से इस महामारी के दौर में लोगों की जान बचाई जा सकी है।

अस्पताल भरे तो होम आइसोलेशन में रहे मरीज
राजधानी में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने पर अस्पतालों में बेड मिलना मुश्किल हो गया। हालत ऐसी आई कि ऑक्सीजन की कमी से भी काफी लोगों की मौत हुई। मरीजों की संख्या ज्यादा बढ़ने पर कोरोना गाइडलाइन में बदलाव करके लक्षणविहीन और कम गंभीर मरीजों को होम आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था शुरू की गई। हालांकि इस दौरान भी स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर दवाएं पहुंचाईं। इसकी वजह से स्वस्थ होने की दर तेजी से बढ़ी।

मिसाल बना कोविड प्रबंधन
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल कहते हैं, प्रदेश में जिस तरह से कोविड प्रबंधन किया गया, वह एक मिसाल बना। कोरोना संक्रमण के मामले शून्य होने पर एक बार फिर से उन सभी डॉक्टर-कर्मचारियों और कोविड प्रबंधन में लगे हर व्यक्ति को बधाई है, जिनकी वजह से यह स्थिति आई है। कोरोना संक्रमण की संख्या शून्य हो गई है, लेकिन अभी भी सावधानी बरतें, जिससे कि पुरानी स्थिति वापस न आए।

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