छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीद के लिए कहीं भी बारदाने की कमी नहीं है। जिलों के भण्डारण केन्द्र, सोसायटियों सहित उपार्जन केंद्रों में आज की स्थिति में धान खरीद के लिए इतने बारदाने उपलब्ध हैं कि आगामी एक-सवा माह तक बारदाने की कोई कमी नहीं होगी।
खाद्य सचिव टी.के. वर्मा ने बताया कि इस साल राज्य में 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीद के अनुमानित लक्ष्य को देखते हुए 5 लाख 50 हजार नग गठान बारदाने की व्यवस्था शासन द्वारा सुनिश्चित की गई है। राज्य में बारदाने की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए 50 प्रतिशत नए और 50 प्रतिशत पुराने बारदाने धान खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि धान खरीद के लिए अब तक जिलों को 2 लाख 97 हजार गठान बारदाना प्राप्त हो चुका है, जिसमें से अभी तक मात्र 70 हजार 250 नग गठान बारदाने का उपयोग धान खरीद के लिए हुआ है। अभी भी जिलों में धान खरीद के लिए 2 लाख 27 हजार गठान बारदाने उपलब्ध हैं।
खाद्य सचिव टी. के. वर्मा ने बताया कि धान खरीद के लिए राज्य को इस साल भारत सरकार के जूट कमिश्नर से 2 लाख 37 हजार गठान बारदाना मिलना था, जिसमें से 2 लाख 17 हजार गठान बारदाना उपलब्ध हो चुका है। बीते वर्ष का 42 हजार गठान नया बारदाना बचा हुआ था, जिसे मिलाकर राज्य में 2 लाख 80 हजार नग नया बारदाना उपलब्ध है, जिसमें धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग का चावल भी उपार्जित किया जा रहा है। धान खरीद के लिए बीते वर्ष उपयोग में लाए गए 81 हजार गठान प्लास्टिक के बारदाने सहित शेष 6 हजार गठान नए प्लास्टिक बारदाने के उपयोग के साथ ही पीडीएस और मिलर्स से प्राप्त पुराने बारदाने का उपयोग किया जा रहा है। राज्य के कुछ खरीदी केंद्रों में पुराने बारदानों में इक्का-दुक्का बारदानों के कटे-फटे मिलने की शिकायतें सामने आई हैं। इसकी जांच की जा रही है और संबंधित आपूर्तिकर्ता के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।
खाद्य सचिव ने कहा कि उपार्जन केन्द्रों को डिमांड के आधार पर नियमित रूप से बारदाने की आपूर्ति की जा रही है। कलेक्टर के मार्गदर्शन में खाद्य एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी खरीदी की व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं।