दिल्ली हाईकोर्ट आज दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की हिरासत के दौरान पूछताछ के समय उनके वकील को साथ रहने की अनुमति देने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका पर सुनवाई करेगा।
2 जून तक ईडी की ओर से कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए इस याचिका पर सुनवाई की मांग की गई थी। इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका पर 3 जून को सुनवाई करने का आदेश दिया। इससे पहले 31 मई को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येन्द्र जैन को 9 जून तक की ईडी हिरासत में भेज दिया था।
सत्येन्द्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने कहा था कि कैश दिल्ली में दिया गया। ये कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री आपरेटर्स तक पहुंचा। ये एंट्री आपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे। ये फर्जी कंपनियां थी। इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर कालाधन को सफेद बनाया जा रहा था। पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया। प्रयास नामक एनजीओ के जरिये कृषि भूमि खरीदी गई। ईडी ने कहा था कि ईडी ने उन्हें जांच के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया।
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येन्द्र जैन की ओर से वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा था कि सत्येन्द्र जैन जांच में लगातार सहयोग कर रहे हैं। ईडी जो दलीलें दे रहा है वो 2017 में दाखिल चार्जशीट का दोहराव मात्र है। उस केस में एक इंच आगे नहीं बढ़ा गया है। 5-6 बार सत्येन्द्र जैन को बुलाया गया और वे जांच में शामिल हुए। हरिहरन ने कहा था कि सह-आरोपी कुछ भी कर सकता है उसके लिए आरोपित जिम्मेदार नहीं है। सीबीआई जांच में भी आय के स्रोत का पता नहीं लगाया गया। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आरोपित का पैसा हवाला के जरिये गया। सत्येन्द्र जैन के घर पर दो बार छापा डाला गया। उनका बैंक खाता सीज किया गया। हरिहरन ने कहा था कि सत्येन्द्र जैन ने मंत्री बनने के बाद सभी कंपनियों से इस्तीफा दे दिया था।