दिल्ली-एनसीआर के वातावरण में धुंध छाई हुई है। साथ ही हवा की गुणवत्ता में गिरावट लगातार जारी है। शनिवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 431 दर्ज किया गया। हवा की यह गुणवत्ता की ‘गंभीर’ श्रेणी है। नोएडा (उत्तर प्रदेश ) का एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में 529, गुरुग्राम (हरियाणा) में ‘गंभीर’ श्रेणी में 478 और धीरपुर (दिल्ली) के पास ‘गंभीर’ श्रेणी में 534 दर्ज किया गया है।
पंजाब और हरियाणा में जलने वाली पराली का असर उत्तर और पूर्वी भारत के प्रमुख शहरों में भी दिखने लगा है। यहां की हवा भी बहुत खराब श्रेणी में पहुंच रही है। इससे पहले शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन वायु गुणवत्ता के लिहाज से दिल्ली एनसीआर रेड जोन में रहा। सभी जगहों का एक्यूआई 400 के ऊपर यानी गंभीर श्रेणी में ही रहा। फरीदाबाद के सेक्टर-11 और 16 में तो यह 500 तक चला गया। दिल्ली के बवाना इलाके में यह 498 तक चला गया।
सफर इंडिया का पूर्वानुमान है कि हवा की दिशा बदलने से शनिवार से प्रदूषण का स्तर थोड़ा नीचे आना शुरू हो जाएगा और यह बहुत खराब श्रेणी में पहुंच सकता है। उल्लेखनीय है कि वायु प्रदूषण के गंभीर श्रेणी में पहुंचने और ग्रेप का चौथा चरण लागू होने के साथ ही राजधानी दिल्ली में कई प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसके तहत पांच से आठ नवंबर तक प्राइमरी स्कूल बंद रहेंगे। पांचवीं से ऊपर की कक्षाओं की आउटडोर एक्टिविटी बंद रहेंगी। दिल्ली सरकार के कार्यालय 50 प्रतिशत क्षमता से खुलेंगे और 50 प्रतिशत कर्मचारी वर्क फ्राम होम करेंगे। आवश्यक सेवाओं से जुड़े ट्रकों को छोड़कर दिल्ली में अन्य डीजल ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल के हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) भी शनिवार से अगले आदेश तक नहीं चल पाएंगे। यानी एक अप्रैल, 2010 से पहले के पेट्रोल वाहन और एक अप्रैल, 2020 से पहले के पंजीकृत डीजल वाहनों पर रोक रहेगी।