भारतीय मूल के ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक सलमान रुश्दी के सिर पर इनाम रखने वाले ईरानी समूह पर अमेरिका एक ईरानी संगठन पर आर्थिक दंड लगाते हुए प्रतिबंधित कर दिया है। इस संगठन ने रुश्दी को निशाना बनाने के लिए धन जुटाया था।
ज्ञात रहे कि रुश्दी पर अगस्त में हिंसक हमला किया गया था, जिसमें एक आंख की रोशनी और एक हाथ बेकार हो गया है।
मुंबई में जन्में और बुकर पुरस्कार से सम्मानित रुश्दी (75) पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा संस्थान में एक कार्यक्रम के दौरान अपना व्याख्यान शुरू करने वाले ही थे कि तभी एक व्यक्ति ने मंच पर चढ़कर चाकू से उन पर हमला कर दिया था।
ट्रेजरी ऑफिस ऑफ़ फॉरेन एसेट्स कंट्रोल ने 15 खोरदाद फाउंडेशन पर वित्तीय दंड लगाने को मंजूरी दी, जिसने रुश्दी के सिर पर करोड़ों डॉलर का इनाम घोषित किया था। रुश्दी ने ‘द सैटेनिक वर्सेज’ लिखी थी, जिसे कुछ मुसलमान ईशनिंदा मानते हैं।
रुश्दी के एजेंट का कहना है कि पश्चिमी न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में मंच पर किए गए हमले से उबरने के बाद लेखक की एक आंख की रोशनी चली गई है और एक हाथ ने काम करना बंद कर दिया है।
आतंकवाद और वित्तीय खुफिया के लिए ट्रेजरी के अवर सचिव ब्रायन नेल्सन ने कहा, अमेरिका अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता के सार्वभौमिक अधिकारों के खिलाफ ईरानी अधिकारियों द्वारा उत्पन्न खतरों के लिए खड़े होने के अपने दृढ़ संकल्प से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि हिंसा का यह कृत्य, जिसकी ईरानी शासन द्वारा प्रशंसा की गई है, भयावह है। हम सभी सलमान रुश्दी पर हुए हमले के बाद उनके शीघ्र स्वस्थ होने की उम्मीद करते हैं।