रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस समय तीन दिनों के लिए अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर हैं। वे सेना के ठिकानों का दौरा करके चीन सीमा पर भारत की रक्षा तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। इसी क्रम में अपने दौरे के दूसरे दिन गुरुवार को राजनाथ सिंह ने चीन सीमा पर भारत की ऑपरेशनल तैयारियों का जमीनी आकलन करने के लिए अग्रिम चौकियों का दौरा किया। इस दौरान वह मोर्चे पर तैनात सैनिकों से मिले और बातचीत करने के दौरान उनका हौसला अफजाई की।
बुधवार को उन्होंने असम के दिनजान में सेना के फॉर्मेशन का दौरा करके अपने दौरे की शुरुआत की थी। यहां उन्होंने जवानों के साथ कुछ वक्त बिताया और सैनिकों ने रक्षा मंत्री को ‘संदेशे आते हैं, संदेशे जाते हैं, मैं वापस आऊंगा….फिल्मी गीत के माध्यम से सीमा पर तैनाती के दौरान अपने परिजनों को याद करने का दर्द बयां किया। इसके बाद रक्षा मंत्री ने ट्वीट करके कहा दिनजान, असम में भारतीय सेना के जवानों के साथ अद्भुत बातचीत हुई। इन गौरवान्वित सैनिकों के साहस, सतर्कता और वीरता के कारण हमारा राष्ट्र सुरक्षित और सुरक्षित है।
रक्षा मंत्री के साथ थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता भी हैं। अपनी यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह ने देश के पूर्वी हिस्से में सैन्य फॉर्मेशन की अभियानगत तैयारी की समीक्षा की। उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग, 3 कोर लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने एलएसी के साथ बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ क्षमता विकास और सेना की अभियानगत तैयारियों के बारे में जानकारी दी।
रक्षा मंत्री को अग्रिम पंक्ति में तैनात सैनिकों की अभियानगत दक्षता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों और प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में स्पीयर कॉर्प्स के सभी रैंकों के उत्कृष्ट कार्यों और उत्कृष्ट सेवाओं को सराहा। रक्षा मंत्री का यह दौरा इस लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि लद्दाख सीमा पर आखिरकार सर्दी ने दस्तक दे दी है। उच्च ऊंचाई पर स्थित अग्रिम चौकियों पर तैनात जवानों के लिए भारतीय सेना अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे चुकी है। अभी तो यहां ठंड की शुरुआत है, अक्टूबर तक सारी पहाड़ियां बर्फ से जम जाएंगी।
अपनी इस यात्रा के दौरान वह स्थानीय इडु मिश्मी जनजाति के वार्षिक ट्रेक अथु पोपू के दूसरे धार्मिक अभियान के सदस्यों के साथ भी बातचीत करेंगे, जिसे भारतीय सेना 2021 से आउटरीच के हिस्से के रूप में सुविधा दे रही है। इसके अलावा स्थानीय लोगों का समर्थन करने और पर्यटन के विकास की दिशा में निरंतर प्रयास किया जा रहा है। रक्षा मंत्री अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा भी करेंगे। यात्रा के दौरान सेला सुरंग की प्रगति समीक्षा भी करने की योजना है।