केन्द्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज नई दिल्ली में 13वीं फिक्की ग्लोबल स्किल्स समिट 2022 का उद्घाटन किया और उसे संबोधित किया। इसका विषय था “शिक्षा से रोजगार तक-इसे संभव बनाना”।
धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि हमारी कुल जनसंख्या में काम करने वालों का अनुपात अधिक है। उन्होंने भारत के कौशल इकोसिस्टम को और अधिक जीवंत बनाने के लिए कौशल का लाभ उठाने पर अपने विचार साझा किए।
उन्होंने कहा कि हमारा देश सौभाग्यशाली है कि उसकी कुल जनसंख्या में काम करने वालों का अनुपात अधिक है। शिक्षा और कौशल को हमारी कुल जनसंख्या में काम करने वाले इस अनुपात को ऊर्जावान और मजबूत ताकत में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
धर्मेन्द्र प्रधान ने यह भी कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था को अधिक उत्पादक और मजबूत बनाने के लिए, हमें अपने कार्यबल को अधिक उत्पादक बनाना होगा। श्रम कानूनों का सरलीकरण और एप्रेंटिसशिप जैसी पहल हमारे कार्यबल को और अधिक जोशपूर्ण बनाने में एक लंबा सफर तय करेगी।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट से आगामी डिजिटल विश्वविद्यालय तक, हम अपनी शिक्षा और कौशल इकोसिस्टम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए अनेक पहल और नीतिगत सुधार कर रहे हैं।
श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शिक्षा और कौशल क्षेत्र में और परिवर्तन लाने के लिए एक मजबूत शिक्षा-उद्योग-नीति निर्माता संपर्क बनाने और सामूहिक दृष्टिकोण के साथ काम करने का भी आह्वान किया।