आज का दिन पूरी धरती के लिए ऐतिहासिक है। अब से कुछ देर पहले 4 बजकर 45 मिनट पर नासा ने बड़ा कीर्तिमान रचा है। पृथ्वी को एस्टेरॉयड से बचाने का स्पेस एजेंसी ने सफलतापूर्ण परीक्षण किया है। इसके तहत अपने डार्ट मिशन को अंजाम दिया। एस्टेरॉयड की दिशा और रफ्तार बदलने वाला नासा का परीक्षण कामयाब रहा। इसकी अंतिम रिपोर्ट आनी बाकी है।
नासा को यकीन है कि एस्टेरॉयड नाम के महाविनाश से महाटक्कर सफल रही। यानी नासा का मिशन डार्ट कामयाब रहा। फुटबॉल स्टेडियम के बराबर डिमॉरफोस से स्पेसक्राफ्ट के टकराते ही प्रोजेक्ट डार्ट से जुड़ी नासा की टीम खुशी से उछल पड़ी। वैज्ञानिक दिल थामकर अंतरिक्ष के इस ऐतिहासिक लम्हे का गवाह बने। टक्कर होते ही सब तालियां पीटने लगे।
दरअसल, नासा प्रोजेक्ट डार्ट के जरिए ये देखना चाहता था कि क्या एस्टेरॉइड पर स्पेसक्राफ्ट की टक्कर का कोई इम्पैक्ट पड़ता है या नहीं ? क्या स्पेस क्राफ्ट की टक्कर से एस्टेरॉयड की दिशा और रफ्तार पर असर पड़ता है कि नहीं ? इन सवालों का विस्तार से जवाब डिटेल रिपोर्ट आने के बाद ही मिलेगा। लेकिन नासा के वैज्ञानिकों को यकीन है कि स्पेस क्राफ्ट की टक्कर से डिमॉरफोस पर असर जरूर पड़ा है। इम्पैक्ट सक्सेस का भी यही मतलब है, लेकिन इम्पैक्ट कितना पड़ा है इस पर बहुत जल्द नासा की रिपोर्ट सामने आ जाएगी।
यह पहली दफा हुआ कि किसी ग्रह रक्षा प्रणाली यानी डार्ट मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इसका फायदा अब भविष्य में किसी भी एस्टोरॉयड को खत्म करने में लिया जा सकेगा। यह अंतरिक्ष यान सुबह 4ः45 मिनट पर डिमॉरफोस नामक एक छोटे एस्टेरॉयड से टकराया। डार्ट स्पेसक्राफ्ट से टकराने वाले एस्टरॉयड की लंबाई 169 मीटर की थी। इसको लाइव दिखा रहे लाइव स्ट्रीम ने डार्ट के अपने कैमरे द्वारा क्यूब के आकार की तस्वीरों को दिखाया।