प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम में प्रख्यात विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय को उनकी जयंती पर याद किया। उन्होंने कहा कि वह भारत माता के सच्चे सपूत थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ के 93वें संस्करण में कहा कि किसी देश के युवा जैसे-जैसे अपनी पहचान और गौरव पर गर्व करते हैं, उन्हें अपने मौलिक विचार और दर्शन उतने ही आकर्षित करते हैं। दीनदयाल जी ने विचारों के संघर्ष और विश्व की उथल-पुथल को देखते हुए ‘एकात्म मानव दर्शन’ और ‘अंत्योदय’ का एक विचार देश के सामने रखा। यह विचार पूरी तरह से भारतीय है।
उन्होंने कहा कि ‘एकात्म मानव दर्शन’ विचारधारा के द्वंद्व और दुराग्रह से मुक्ति दिलाता है और मानव मात्र को एक समान मानने वाले भारतीय दर्शन को दुनिया के सामने रखता है।
मोदी ने कहा कि दीनदयाल जी का दर्शन हमें सिखाता है कि कैसे आधुनिक, सामाजिक और राजनीतिक परिपेक्ष में भारतीय दर्शन दुनिया का मार्गदर्शन कर सकता है। उन्होंने आजादी के बाद देश में पनपी हीन भावना से हमें आजादी दिला कर बौद्धिक चेतना को जागृत किया। वह कहते थे कि ‘हमारी आजादी तभी सार्थक हो सकती है जब वो हमारी संस्कृति और पहचान की अभिव्यक्ति करें।