भारत निर्वाचन आयोग ने भारत के सभी राज्यों में फैले बीएलओ के साथ आज आयोजित एक संवादात्मक सत्र में एक नए डिजिटल प्रकाशन ‘बीएलओ ई-पत्रिका’का विमोचन किया। 350 से भी अधिक बीएलओ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के कार्यालय से वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसमें शामिल हुए और आस-पास के राज्यों जैसे कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के 50 बीएलओ ने इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित शुभारंभ कार्यक्रम में भाग लिया।
बीएलओ ने आयोग के साथ संवाद के दौरान इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपने दायित्वों
का पालन करते समय अपने विभिन्न अनुभवों एवं चुनौतियों और इसमें मिली सफलता की गाथाओं को साझा किया। आज का यह कार्यक्रम आयोग द्वारा देश भर में फैले बीएलओ के साथ किया गया अपनी तरह का पहला सीधा संवाद था। चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारीगण और सभी राज्यों के सीईओ (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए) इस कार्यक्रम के दौरान मौजूद थे।
.उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सीईसी श्री राजीव कुमार ने स्वीकार किया कि बीएलओ फील्ड स्तर की सबसे प्रभावकारी संस्था होने के नाते ईसीआई प्रणाली के अभिन्न अंश के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लोगों के साथ आयोग के प्रत्यक्ष जुड़ाव और लोकतंत्र को मजबूत करने में उनकी भागीदारी को सुविधाजनक बनाते हैं। श्री कुमार ने एक त्वरित काव्यात्मक वर्णन करते हुए कहा, “बीएलओ निर्वाचन आयोग के स्वरूप के रूप में साकार हैं, आयोग का व्यवहार हैं, आयोग की दृष्टि और स्वर भी हैं, इसलिए आप सब का अत्यंत आभार है।” श्री कुमार ने बीएलओ को आश्वासन दिया कि आयोग बीएलओ संस्था की ताकत को पहचानता है जो अपनी बहुमुखी उपस्थिति के जरिए मतदाताओं को संबंधित सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी सुनिश्चित करती है। बीएलओ देश भर में हर मतदाता के लिए सूचना का प्राथमिक स्रोत हैं। सीईसी ने कहा कि ‘बीएलओ ई-पत्रिका’शुरू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य बूथ स्तर के अधिकारी को बेहतर ढंग से सूचनाओं से लैस करने और उन्हें प्रेरित करने के लिए एक व्यापक सूचना मॉडल सुनिश्चित करना है।
ईसी श्री अनूप चंद्र पांडेय ने शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान कहा कि इस द्विमासिक ई-पत्रिका को शुरू करने का जो विचार है वह दरअसल आयोग की एक अभिनव पहल है। श्री पांडेय ने कहा कि यह पत्रिका वास्तव में तीन तरफा संचार के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करती है- ईसीआई के लिए जमीनी स्तर तक निर्देश साझा करने, सुझावों एवं सफलता की गाथाओं को साझा करने और अंतर-राज्यीय सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखने को सुविधाजनक बनाने के लिए एक प्लेटफॉर्म। बीएलओ संस्था की उत्पत्ति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने उल्लेख किया कि अतीत में हर पांच साल में बनने वाली मतदाता सूची को किस तरह से कम्प्यूटरीकृत चुनावी डेटाबेस में बदल दिया गया और बाद में वार्षिक अद्यतन के साथ फोटो मतदाता सूची में बदल दिया गया। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से लगातार बीएलओ के संपर्क में रहने और उनकी क्षमता निर्माण, डिजिटल साक्षरता की दिशा में काम करने एवं उनके सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने का आग्रह किया, ताकि एक कुशल और प्रेरित फील्ड कार्य बल (वर्क फोर्स) को तैयार किया जा सके।
श्री धर्मेंद्र शर्मा, वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त और श्री नितेश व्यास, व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी (स्वीप) प्रभाग के प्रभारी ने अपने संबोधन में इस बात पर प्रकाश डाला कि बीएलओ की संस्था को आयोग द्वारा वर्ष 2006 में प्राथमिक रूप से समावेशी, अद्यतन और त्रुटि मुक्त मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था जो स्वतंत्र, निष्पक्ष और सहभागी चुनावों की दिशा में पहला कदम है। श्री व्यास ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बीएलओ ने ईसीआई प्रणाली में काम करने के तकनीकी रूप से उन्नत नए तरीकों के अनुरूप खुद को ढाल लिया है।
द्विमासिक ई-पत्रिका के विषयों में ईवीएम-वीवीपीएटी प्रशिक्षण, आईटी संबंधी अनुप्रयोग, विशेष सार पुनरीक्षण, मतदान केंद्रों पर न्यूनतम स्वीप गतिविधियां, डाक मतपत्र सुविधा, सुगम्य चुनाव, चुनावी साक्षरता क्लब, अद्वितीय मतदाता जागरूकता पहल और राष्ट्रीय मतदाता दिवस जैसे विषय शामिल होंगे। इसमें बीएलओ के साथ अनौपचारिक संवाद, उनकी सफलता की गाथाएं और देश भर में अपनाई जाने वाले सर्वोत्तम तौर-तरीके भी शामिल होंगे। भाषा सरल, संवादात्मक और दृष्टांत होगी। यह पत्रिका अंग्रेजी, हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगी।