चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में हिमाद समिति की ओर से शुक्रवार को किसान उत्पादक सुगम कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित की गई। बैठक में हिमाद के सचिव उमाशंकर बिष्ट ने कहा कि मिलजुल कर कार्य करने की परम्परा काफी मजबूत रही है। चाहे वह कृषि संबंधित कार्य हो या किसी भी प्रकार का पारवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक कार्य हो। इनमें परस्पर सहभागिता होनी आवश्यक है। तभी सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
हिमाद सचिव ने कहा कि सामूहिक रूप से कार्य करने की भावना एवं जरूरत हमें परिवार, गांव और समाज में समूह बनाकर रहने के लिए प्रेरित करती है। पारस्परिक लाभ एवं सामूहिक जीविकोपार्जन के लिए समूह मुख्य आधार है तथा समूह की आवश्यकता हमारे दैनिक जीवन से जुड़ी होती है, इसलिए समूह में कार्य करने वाले सदस्यों की क्षमता का विकास होना आवश्यक है। उन्होंने किसान उत्पादक समूहों को स्थानीय कृषि उत्पादों के उत्पादन में बढ़ावा देने के साथ ही पहाड़ी कृषि उत्पादनों के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हिमोत्थान सोसायटी देहरादून एवं ट्रस्ट के माध्यम से ग्राम स्तर पर किसान उत्पादक समूहों को दी जाने वाली तकनीकी जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार करने का जरूरत है।
हिमाद की चाइल्ड समन्वयक प्रभा रावत ने कहा कि बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण के लिए मिशन वात्सल्य योजना के तहत हिमाद समिति चाइल्ड हेल्प लाइन के माध्यम से 1098 टोल फ्री नंबर का व्यापक प्रचार- प्रसार कर रही है। इसके माध्यम से आम जन को समेकित बाल सुरक्षा कार्यक्रम, किशोर न्याय (बालको की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड के प्रावधानों की जानकारी दी जा रही है। साथ ही बच्चों की उचित देखभाल एवं संरक्षण के लिए प्रेरित करने का कार्य किया जा रहा है।
मध्य हिमालयी पशुधन पहल परियोजना के सह समन्वयक भूपेन्द्र गुसाई ने परियोजना की जानकारी दी।