गोशामहल के विधायक टी. राजा सिंह की रिहाई के लिए उनकी पत्नी टी. ऊषा बाई ने तेलंगाना हाई कोर्ट का दरवाजा खटकाया है। ऊषा ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों को खुश करने के लिए विधायक को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया है। याचिका में विधायक की जमानत मंजूर करने की गुहार हाई कोर्ट से गई है।
हाई कोर्ट में दायर याचिका में जीएडी (ला एंड ऑडर विंग) के प्रधान सचिव, हैदराबाद नगर पुलिस आयुक्त, चर्लापल्ली जेल अधीक्षक को प्रतिवादी बनाया गया। याचिकाकर्ता ने गत 25 अगस्त को पीडी एक्ट के तहत गिरफ्तार को चुनौती दी। याचिकाकर्ता के अनुसार संविधान की धारा 14, 21 के खिलाफ 26 अगस्त से राजा सिंह को अवैध रूप से हिरासत में रखने का आरोप लगाया गया है।
विधायक की पत्नी ऊषा बाई का कहना है कि उनके पति राजा सिंह को किसी तरह जेल में रखने का प्रयास किया जा रहा है। कानून व्यवस्था को भंग करने के आरोप में पीडी अधिनियम के अंतर्गत उन्हें गिरफ्तार करने के लिए गत 26 अगस्त को जीओ नंबर 1651 जारी किया गया।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने राजा सिंह के खिलाफ तीन मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। इसमें भडकाऊ बयान देने के मामले में पुलिस ने राजा सिंह को नोटिस भी नहीं दिया। अन्य मामलों को नहीं बता कर उन्हें पीडी अधिनियम के तहत गिरफ्तार करना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राजा सिंह ने कभी भी कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का कार्य नहीं किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केवल कुछ लोगों को संतुष्ट करने के लिए ही राजा सिंह को पुलिस ने अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।
याचिका में कहा गया है पिछले पांच वर्षों के दौरान पीडी अधिनियम के तहत राज्य सरकार के दर्ज किए गए मामलो को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के अलग-अलग मामलों में दिए गए फैसलों का उदाहरण देते हुए राजा सिंह की जमानत मंजूर करने की मांग की है। इस याचिका पर सुनवाई इसी सप्ताह में होगी।