एनआई रिसर्च के चेयरमैन किशोर ओस्तवाल कहते हैं कि निवेश अच्छी कंपनियों में करना चाहिए। भले ही वह सरकारी ही क्यों न हों। हमने अतीत में कई बार ऐसा देखा है, जब सरकारी कंपनियों के शेयरों ने बेहतर रिटर्न दिया है। इसलिए निजी कंपनियों के साथ सरकारी कंपनियों पर भी भरोसा जताना चाहिए।
आंकड़ों के जरिये देखें तो हम पाएंगे कि चुनावों से पहले अक्सर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सुधार की उम्मीद दिखती है। इस उम्मीद के सहारे वे अच्छा प्रदर्शन करते हैं। चुनाव पूर्व अवधि को देखते हुए सार्वजनिक उपक्रम अगले 2 वर्षों में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
- पीएसयू शेयरों में निवेश करने से कई लाभ मिलते हैं। बेहतर क्रेडिट रेटिंग के कारण उधार लेने की लागत कम है। बढ़ती ब्याज दर के मौजूदा परिदृश्य में फायदेमंद है।
- पीएसयू शेयरों में प्रमोटर द्वारा संचालित कंपनी की तुलना में जोखिम कम होता है। वे अच्छे लाभांश का भुगतान भी करती हैं।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने ऐसा ही एक पीएसयू इक्विटी फंड शुरू किया है। यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी योजना है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी से जुड़े उपकरणों में मुख्य रूप से निवेश कर लंबे समय में पूंजी को मजबूती देना है। ऐसी योजनाएं उन क्षेत्रों और स्टॉक्स में निवेश कर सकती हैं, जो एसएंडपी बीएसई पीएसयू इंडेक्स का हिस्सा हैं। ये तीनों मार्केट कैप यानी लार्ज, मिड या स्मॉल कैप के अवसरों में निवेश कर सकती है।
ये हैं और भी आकर्षक बनाने वाले कारक
सुरक्षा का बेहतर मार्जिन
पीएसयू में गैर-प्रवर्तकों (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक, घरेलू संस्थागत निवेशक, रिटेल) की तुलना में ज्यादातर हिस्सा सरकार के पास होता है। ये गैर-सरकारी कंपनियां नॉन-प्रमोटर्स के स्वामित्व में होती हैं, इसलिए पीएसयू सुरक्षा का बेहतर मार्जिन देता है।
पीएसयू कंपनियों में मूल्यांकन कुछ समय के लिए आकर्षक रहा है, जो यह दर्शाता है कि इन कंपनियों के पास सुरक्षा का बेहतर मार्जिन है।
हाई डिविडेंड यील्ड
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम बड़े बाजारों की तुलना में बेहतर डिविडेंड यील्ड ऑफर करते हैं। एसएंडपी बीएसई पीएसयू इंडेक्स (पिछले 17 साल) की औसत डिविडेंड यील्ड 2.6 है, जबकि एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स की 1.3 है।
उतार-चढ़ाव वाले माहौल में हाई डिविडेंड यील्ड प्रदान करने वाली कंपनियों की मांग अधिक होती है। इसके परिणामस्वरूप पूंजी में वृद्धि होती है।
पीएसयू के एकाधिकार वाले क्षेत्र
सरकारी बैंक : सरकारी बैंक चक्रीय बदलाव के बीच में हैं, जिसमें इक्विटी पर रिटर्न अभी शुरू हुआ है और बेहतर एसेट क्वालिटी के कारण क्रेडिट लागत कम हो गई है।
रक्षा : सरकार ने रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और साधनों पर विदेशी खर्च कम करने के लिए सशस्त्र बलों के लिए 764 अरब रुपये आवंटित किया है। इससे उम्मीद है कि रक्षा का क्षेत्र अच्छा खासा प्रदर्शन करेगा।
बिजली : बिजली उत्पादन में मुख्य रूप से पीएसयू कंपनियों का दबदबा है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की संभावित विकास यात्रा में हिस्सा लेने के अवसरों की तलाश करने वाले निवेशकों के लिए यह एक अच्छा समय है।
हर क्षेत्र में कर सकते हैं निवेश
पीएसयू कंपनियां शेयर बाजार का महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं। ये व्यापक स्तर पर निवेश के अवसर पेश करने वाले विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद होती हैं। उतार-चढ़ाव वाले माहौल में हाई डिविडेंड यील्ड देने वाली कंपनियों की मांग अधिक होती है।