अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद शुरू हुआ चीन और ताइवान-अमेरिका के बीच का तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए ताइवान को एक अरब डॉलर से अधिक की राशि के हथियार देने का फैसला किया है।
चीन की इच्छा के विपरीत अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन ने ताइवान पर दबाव बनाए रखा है। चीन की सेना ने ताइवान सीमा पर डेरा डाल रखा है। ताइवान भी जवाबी तैयारी कर रहा है। अब अमेरिका की ओर आधुनिक हथियारों की खेप मिलने के बाद सैन्य साजो-सामान की दृष्टि से भी ताइवान मजबूत हो जाएगा।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बताया कि अमेरिका की ओर से ताइवान को 1.09 अरब डॉलर के हथियार बेचे जाएंगे। इनमें 35.5 करोड़ डॉलर की हवा से समुद्र में मार करने वाली हारपून मिसाइलें और 8.5 करोड़ डॉलर की हवा से हवा में मार करने वाली साइडविंडर मिसाइलें शामिल हैं। इसके अलावा 65.5 करोड़ डॉलर कीमत के निगरानी रडार भी ताइवान को बेचे जाएंगे। यह रडार हवाई हमलों के दौरान ताइवान की सतर्कता बढ़ाने में मदद करेंगे।
अमेरिकी प्रशासन ने राष्ट्रपति द्वारा इस हथियार सौदे को मंजूरी दिये जाने के बारे में अमेरिकी कांग्रेस को भी सूचित कर दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग का मानना है कि यह हथियार ताइवान के लिए बहुत जरूरी हैं, ताकि वह अपनी रक्षा क्षमताओं को बनाए रख सके। साथ ही अमेरिका ने चीन से ताइवान के खिलाफ अपना सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव खत्म करने तथा ताइवान के साथ सार्थक संवाद करने को भी कहा है।