उत्तर प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी कानपुर चमड़ा, वस्त्र तथा रक्षा उत्पादन उद्योग का एक विशाल हब है। इसके साथ ही यह ऐतिहासिक तीर्थस्थलों और विभिन्न प्रमुख संस्थानों का शहर भी होने के कारण यहां बड़ी संख्या में हवाई यात्रियों की आवाजाही होती है। वर्तमान में कानपुर हवाई अड्डा दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और गोरखपुर जैसे चार शहरों से सीधे तौर पर जुड़ा है।
हवाई यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण ने कानपुर हवाई अड्डे पर नागरिक सुविधाओं के विकास की परियोजना शुरू की है, जिसमें 143.6 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न यात्री सुविधाओं को विश्व स्तरीय बनाया जाएगा। इस परियोजना में एक नई टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण और तीन ए-321 प्रकार के विमानों के खड़े होने के लिए सुविधा तैयार करना शामिल है।
6,248 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनने वाली नई टर्मिनल बिल्डिंग में अति व्यस्त समय के दौरान एक साथ 300 यात्रियों के आवागमन की व्यवस्था होगी। सभी अति आधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस इस टर्मिनल में 8 चैक इन काउंटर और यात्रियों के सामान के लिए कन्वेयर बेल्ट होंगी। इसके बाहर करीब 150 कारों को पार्क करने के लिए एक पार्किंग एरिया बनाने की भी योजना भी योजना है। यह टर्मिनल बिल्डिंग एक चार सितारा गृह प्रकार की ऊर्जा की कम खपत करने वाली इमारत होगी। टर्मिनल के अग्र भाग में स्थानीय कला और विरासत का प्रतिबिंब दर्शाया जाएगा, जोकि कानपुर के विख्यात जे.के. मंदिर से प्रेरित होगा। इस विकास परियोजना के दिसंबर, 2022 तक पूरे हो जाने की उम्मीद है।
कानपुर हवाई अड्डे पर नई नागरिक सुविधाओं से युक्त और अधिक यात्रियों की क्षमता वाली टर्मिनल बिल्डिंग के बन जाने से शहर से अन्य स्थानों का संपर्क बेहतर होगा और इससे क्षेत्र की समग्र प्रगति की गति को बढ़ावा मिलेगा।