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हाईकोर्ट ने दिया आदेश -मथुरा में भी ज्ञानवापी की तरह होगा वीडियोग्रॉफी सर्वे

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फाइल फोटो श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह की इंसेट मनीष यादव, महेन्द्र प्रताप दिनेश शर्मा जिनके प्रार्थना पत्रों पर मथुरा की अदालत में चल रही है सुनवाई

मथुरा की अदालत को दिए आदेश चार माह में निस्तारण कर रिपोर्ट करें दाखिल

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में सोमवार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ईदगाह में भी वीडियोग्राॅफी सर्वे करवाने के आदेश जारी किए हैं। हाई कोर्ट ने विवादित स्थल की वीडियोग्राॅफी सर्वे कराने और निगरानी के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की याचिका का चार माह में निस्तारण करने का आदेश दिया। मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में सर्वे की मांग को लेकर चार प्रार्थना पत्र पहले से ही दाखिल हैं। इनमें अब तक सुनवाई शुरू नहीं हो सकी है।

सोमवार पूर्वाह्न ज्ञानवापी मस्जिद की तरह अब मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में भी वीडियोग्राॅफी सर्वे होगा, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसके आदेश दिए हैं। सोमवार मुख्य पक्षकार मनीष यादव की याचिका पर न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की बेंच ने यह आदेश दिए हैं। जिला अदालत को चार महीनों के भीतर वीडियोग्राॅफी सर्वे की कार्यवाही पूरी कर रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल करना होगा। एक वरिष्ठ अधिवक्ता को कमिश्नर और दो अधिवक्ताओं को सहायक कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया जाएगा। सर्वे के दौरान वादी और प्रतिवादी के साथ सक्षम अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह मामले से संबंधित दस वादों पर सुनवाई चल रही है। महेन्द्र प्रताप सिंह, मनीष यादव, दिनेश शर्मा, लखनऊ अधिवक्ता शैलेन्द्र ने सर्वे कराने का प्रार्थना पत्र दिया था।

गौरतलब हो कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह विवाद मामले से संबंधित दस वाद सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में चल रहे हैं। याचिका अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने न्यायालय से शाही मस्जिद ईदगाह का वीडियोग्राफी सर्वे कराने के साथ ही एएसआई सर्वे कराने की मांग की है। वहीं कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की मांग का प्रार्थना पत्र भी दाखिल किया है। इन्होंने न्यायालय से पहले सर्वे कराने के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की मांग की। लेकिन शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी ने आपत्ति जताते हुए पहले वाद की पोषणीयता पर सुनवाई करने को कहा। इस पर न्यायालय ने पहले पोषणीयता पर सुनवाई का निर्णय लिया। इस पर महेंद्र प्रताप सिंह ने जिला जज के न्यायालय में अपील की। वहीं लखनऊ निवासी मनीष यादव ने भी वीडियो ग्राफी सर्वे कराने और कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर निगरानी कराने की मांग की है। उनका मानना है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान से जुड़े साक्ष्य शाही मस्जिद ईदगाह में मौजूद हैं। साक्ष्य मिटाने को शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी छेड़़छाड़ कर सकती है। अखिल भारत हिंदू महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने भी वीडियोग्राफी सर्वे कराने को प्रार्थना पत्र दे रखा है। जबकि लखनऊ निवासी अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह ने भी एएसआइ सर्वे और वीडियोग्राफी कराने को प्रार्थना पत्र दिया है। इन सभी प्रार्थना पत्रों पर अभी सुनवाई चल रही है।

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