झारखंड में राजनीतिक अनिश्चितता बरकरार है। ताजा घटनाक्रम में शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में महागठबंधन के विधायकों की हो रही बैठक खत्म हो गई है। यहां से यूपीए विधायकों को अपराह्न दो बजे तीन लग्जरी वॉल्वो बसों में बैठाकर झारखंड से बाहर ले जाया जा रहा है। अभी यह साफ नहीं हुआ है कि इन विधायकों को कहां ले जाया जा रहा है।
विधायकों को मुख्यमंत्री आवास से कहीं और छत्तीसगढ़ या बंगाल शिफ्ट किया जा रहा है। बसों में कांग्रेस और झामुमो के विधायक सवार हैं। तीनों बसों को पुलिस सुरक्षा में ले जाया जा रहा है। पीछे से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का काफिला भी चल रहा है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस अपने विधायकों को यहां से छत्तीसगढ़ शिफ्ट कर सकती है। मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
बैठक में पहले ही विधायक बैग लेकर पहुंचे थे। मांडर से कांग्रेस की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है। इसलिए बैग लेकर आए हैं। अगर यहां रखा जाएगा तो यहीं रहेंगे। मुख्यमंत्री आवास में रहने को कहा जायेगा तो वहां रहेंगे। अभी कोई जानकारी नहीं है। जैसा कहा जायेगा वैसा करना होगा। बताया जाता है कि हेमंत सोरेन के छोटे भाई और दुमका विधायक बसंत सोरेन के नेतृत्व में विधायक शिफ्ट होंगे।
उल्लेखनीय है कि झारखंड की सियासत में गहमा-गहमी बढ़ गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लाभ के पद के मामले में भारत निर्वाचन आयोग और राज्यपाल को फैसला करना है। यह तय माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री की विधानसभा सदस्यता रद्द हो जाएगी। हालांकि, इस पर औपचारिक घोषणा होना अभी बाकी है। इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच महागठबंधन में बीते दो दिनों से मंथन चल रहा है। मुख्यमंत्री आवास पर आज भी महागठबंधन के विधायकों की अंतिम दौर की बैठक हुई। इसके बाद विधायकों को कहीं और शिफ्ट किया जा रहा है।