केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में पहले जो शिक्षा नीति प्रचलित थी, वो बच्चों को एक सफल प्रोफेशनल बना सकती थी। डॉक्टर, इंजीनियर बना सकती थी, लेकिन जो शिक्षा नीति बच्चे को एक महान व्यक्ति न बनाए, जो उसके व्यक्तित्व और मन की शक्ति का विकास न कर सके, वह सही नहीं हो सकती। महान देश सिर्फ नदियों, पहाड़ों और संसाधनों से नहीं बनते, बल्कि वो महान व्यक्तियों के कारण महान होते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह सोमवार देर शाम राजधानी भोपाल में स्व. कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी समारोह के अंतर्गत ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ विषय पर आयोजित वैचारिक प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। देर रात तक चले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी संबोधित किया। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2020 में जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है, वह देश के बच्चों को महान व्यक्ति, महामानव बनाएगी तथा देश को एक महान देश बनाएगी, जो सारी दुनिया में सूरज की तरह चमकेगा। नई शिक्षा नीति भारत की आत्मा और भारतीयता की उद्घोषणा है।
वही शिक्षा नीति सार्थक, जो मनुष्य को उत्कृष्ट बनाए
अमित शाह ने कहा कि अंग्रेजों के शासनकाल में हम अपनी शिक्षा के मूल्यों से भटक गए थे। शिक्षा सिर्फ रोजगार देने या क्लर्क पैदा करने का जरिया बन गई थी। उस समय शिक्षा का उद्देश्य छात्रों के विकास की संभावना तलाशना नहीं था। उन्होंने कहा कि वही शिक्षा नीति सार्थक, जो मनुष्य को उत्कृष्ट बनाए। मैंने नई शिक्षा नीति के संबंध में कई विशेषज्ञों से चर्चा की है। सबको अलग अलग विचार हैं लेकिन मुझे यह भारत की आत्मा और भारतीयता की उद्घोषणा दिखाई देती है। मोदी ने जब 2020 में नई शिक्षा नीति लागू की, तो कहीं से कोई विरोध नहीं हुआ।
अंग्रेजी पर जोर देकर अंग्रेजों ने पैदा की हीन भावना
शाह ने कहा कि अंग्रेजों देश पर अपना शासन चलाने के लिए भारतीयों के मन में कई तरह से हीन भावना पैदा की। अंग्रेजी को योग्यता का मापदंड बनाया, जबकि भाषा व्यक्ति की क्षमता की परिचायक नहीं होती, बल्कि वह सिर्फ अभिव्यक्ति का माध्यम होती है। अंग्रेजों की इस नीति के कारण देश के सिर्फ 5 प्रतिशत लोग जिन्हें अच्छी अंग्रेजी आती थी, वही विकास की प्रक्रिया में भागीदार होते थे। लेकिन अब इस हीन भावना को त्यागने का समय आ गया है। मोदी जी ने नई शिक्षा नीति में अपनी भाषा में पढ़ाई का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि अगर नई शिक्षा नीति पर सही तरीके से अमल हुआ, तो एक बार फिर भारत सारी दुनिया के लिए शिक्षा का केंद्र बनेगा। मोदी जी ने नई शिक्षा नीति के रूप में जो बीज बोया है, वह अगले कुछ सालों में वटवृक्ष बनकर सारी दुनिया को छाया देगा। मैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह को बधाई देता हूं कि यहां हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई का शुभारंभ कर दिया गया है।
चलती-फिरती यूनिवर्सिटी थे स्व. कुशाभाऊ ठाकरे
स्व. कुशाभाऊ ठाकरे को श्रद्धांजलि देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अधिकतर ऐसे नेताओं को महान समझा जाता है, जो अपने अनुयायियों को रास्ता दिखाता है। लेकिन कुशाभाऊ ठाकरे ऐसे नेता थे जो न सिर्फ रास्ते को जानते और दिखाते थे, बल्कि उस रास्ते पर खुद चलते थे और अपने कार्यकर्ताओं को भी चलाते थे। स्व. कुशाभाऊ ठाकरे एक चलती-फिरती यूनिवर्सिटी थे। ठाकरे अपने राजनीतिक जीवन में कई पदों पर रहे, लेकिन वे हमेशा कुशाभाऊ ही रहे। मध्यप्रदेश के कार्यकर्ता भाग्यशाली हैं कि उन्हें स्व. ठाकरे जी के साथ काम करने का अवसर मिला।