केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम सात राज्यों के 21 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है, जिसमें दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का घर भी शामिल है। शुक्रवार को सुबह सिसोदिया ने स्वयं इसकी जानकारी ट्वीट करके दी।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, “सीबीआई आई है, उनका स्वागत है। हम कट्टर ईमानदार हैं। लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं। बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है, उसे इसी तरह परेशान किया जाता है। इसलिए हमारा देश अभी तक नम्बर-1 नहीं बन पाया। हम जांच में पूरा सहयोग देंगे, ताकि सच जल्द सामने आ सके।
क्या है पूरा मामला
राजधानी दिल्ली में पहले शराब की बिक्री सरकारी दुकानों में होती थी और निर्धारित दर पर चुनिंदा स्थानों पर खुली दुकानों में शराब बेची जाती थी। दिल्ली सरकार ने गत वर्ष नवंबर माह में शराब की बिक्री के लिए नई आबकारी नीति को लागू किया।
इस नीति के तहत शराब की बिक्री की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को दी गई। दिल्ली सरकार का कहना था कि इससे व्यापार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उपभोक्ता कम कीमत पर शराब खरीद सकेंगे।
दिल्ली में नई आबकारी नीति को लागू करने के पीछे दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा तर्क शराब माफिया को खत्म करने और शराब के समान वितरण का था। साथ ही शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 साल कर दी गई। इसके साथ ही ड्राइ-डे कम किये गये। इस नीति के लागू होने से दिल्ली पहली सरकार बनी, जिसने शराब के व्यवसाय से खुद को अलग कर लिया।
दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021-2022 के तहत पूरी दिल्ली को 32 लिकर जोन में बांटा गया। वहीं 849 दुकानें खुलीं। 31 जोन में 27 दुकानें मिली। एयरपोर्ट जोन को 10 दुकानें मिलीं, जबकि 17 नवंबर 2021 को लागू होने से पहले दिल्ली में शराब की कुल 864 दुकानें थी, जिनमें 475 दुकानों को सरकार चला रही थी और 389 दुकानें निजी थीं।
दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल में टकराव
दिल्ली में नई आबकारी नीति को लेकर दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के बीच तनातनी जारी है। आबकारी विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि चुनिंदा दुकानदारों को फायदा पहुंचाने के इरादे से तत्कालीन उप राज्यपाल ने नीति लागू होने से ठीक पहले नीति में बदलाव किए। इससे सरकार को रेवेन्यू में बड़ा नुकसान हुआ।
वहीं उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस नीति को लागू करने में हुई चूक और कथित अनियमितताओं के मामले में कड़ी कार्रवाई की।
नई आबकारी नीति बनाने में बरती गई अनियमितता को लेकर इसी महीने उप राज्यपाल की ओर से आबकारी विभाग के पूर्व कमिश्नर ए गोपी कृष्ण और डिप्टी कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी समिति ने 11 अधिकारियों को निलंबित किया गया था। यह कार्रवाई दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार द्वारा उप राज्यपाल को सौंपी गई 37 पेज की रिपोर्ट के बाद की गई थी।
रिपोर्ट में सतर्कता विभाग की जांच को आधार बनाया गया है। सूत्रों के मुताबिक विजिलेंस विभाग द्वारा दी गई रिपोर्ट में नई आबकारी नीति में कई तरह की कथित गड़बड़ियों का जिक्र है। इसमें हवाई अड्डे पर शराब की दुकान खोलने के लिए एयरपोर्ट ऑपरेटर से जरूरी दस्तावेज प्राप्त करने में कामयाब न होने वाले कंपनी को 30 करोड़ रुपये वापस किया जाना भी बताया गया है।
सूत्रों की माने तो इसी तरह कोरोना काल में लाइसेंस धारकों को 144 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देना, मैन्युफैक्चरर्स और ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को रिटेल में शराब बेचने का टेंडर मिलने, शराब कारोबारियों के एक साथ बिजनेस करने को आधार बनाया गया है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल