यूरोप में मंकीपाक्स के बढ़ते मामलों के मद्देनजर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी रोकथाम व इससे निपटने के लिए आपात बैठक बुलाई है। यूरोप में 7 मई को मिले पहले मामले के बाद से 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन में मंकीपाक्स का पहला केस नाइजीरिया से ब्रिटेन लौटे एक युवक में मिला था। इसके बाद यूरोप में अब तक 100 से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है। ब्रिटेन में अब तक 20 मामलों की पुष्टि हुई है। स्पेन, बेल्जियम, पुर्तगाल, फ्रांस में भी इसके मामले मिले हैं। यूरोप के साथ उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी लोग चपेट में आए हैं। इसका कारण अभी भी अस्पष्ट है।
इस बीच रूसी मीडिया के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायरस के प्रकोप पर चर्चा के लिए विशेषज्ञों की आपात बैठक बुलाई है।
इससे पहले अफ्रीका से बाहर शायद ही मंकीपाक्स का मामला मिला हो, इसलिए अफ्रीका से बाहर संक्रमण का फैलना चिंताजनक है। हालांकि वैज्ञानिकों को कोरोना की तरह इसके फैलने की आशंका नहीं है। राबर्ट कोच इंस्टीट्यूट के फैबियन लेंडर्टज ने कहा कि यह महामारी है, लेकिन लंबे वक्त तक इसके प्रकोप का सामना नहीं करना पड़ेगा। संक्रमितों की पहचान आसानी से की जा सकती है।
क्या है मंकीपाक्स
मंकीपाक्स यह जानवरों से मनुष्य में फैलने वाला वायरस है, जिसमें स्माल पाक्स जैसे लक्षण होते हैं। हालांकि यह इलाज की दृष्टि से कम गंभीर है।
बता दें कि कई जानवरों की प्रजातियों को मंकीपाक्स वायरस के लिए जिम्मेदार माना गया है। इन जानवरों में गिलहरी, पेड़ गिलहरी, गैम्बिया पाउच वाले चूहे शामिल हैं। यह आमतौर पर फ्लू जैसी बीमारी और लिम्फ नोड्स की सूजन से शुरू होती है और चेहरे एवं शरीर पर एक दाने के रूप में विकसित होती है। अधिकांश संक्रमण 2 से 4 सप्ताह तक चलते हैं। आमतौर पर इस रोग में, बुखार, दाने और लिम्फ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण सामने आते हैं।