बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) गंभीर रूप से बीमार बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इसी योजना के तहत हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का बगैर किसी खर्च के सुविधाजनक तरीके से समुचित और सफल इलाज के लिए बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना पीड़ित बच्चों के लिए काफी सहयोगात्मक साबित हो रही है।
उक्त योजना के तहत ना केवल निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है, बल्कि हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का सफल इलाज भी हो रहा है, बच्चे हृदय रोग को मात दे रहे हैं। इसी कड़ी में एक बार फिर बेगूसराय के तीन बच्चे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की बदौलत हृदय रोग को मात देने में सफल रहे। जिसमें भगवानपुर के बनहारा निवासी मो. इसराक की पुत्री अनम इसराक, वीरपुर के जिंदपुर निवासी कुंदन कुमार चौधरी की पुत्री अंशिका एवं विष्णुपुर निवासी शिवा कुमार की पुत्री युवान शामिल हैं। सभी बच्चे जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित थे और यह सबकुछ सरकारी स्वास्थ्य सुविधा की बदौलत संभव हुआ है।
अनम के पिता इसराक ने बताया कि मेरी बेटी को सर्दी-खांसी की समस्या लगातार रहती थी। एक निजी क्लीनिक में जांच कराने गया पर जानकारी मिली कि उसके दिल में छेद है। जिसके बाद पटना के निजी अस्पतालों में जांच कराने पर यही बात कही गई। इलाज में चार से पांच लाख रुपये बताया गया, जिसमें सक्षम नहीं था, इलाज होने की उम्मीद छोड़ कर वापस आ गया। इसके बाद राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम के सहयोग से सरकारी खर्च पर मेरी बेटी का समुचित इलाज इलाज हुआ और वह पूरी तरह स्वस्थ है।
अंशिका के पिता कुंदन कुमार चौधरी ने बताया मेरी बेटी की तबियत खराब होने पर मैं इलाज कराने के लिए निजी अस्पताल गया। जहां बेटी को दिल में छेद होने की जानकारी मिली। इसी दौरान एक रिश्तेदार ने मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत निःशुल्क इलाज होने की जानकारी दी। जिसके बाद सदर अस्पताल से स्क्रीनिंग के लिए पटना भेजा गया। वहां से समुचित इलाज के लिए अहमदाबाद भेजा गया, जहां मेरी बेटी का सफल ऑपरेशन हुआ तथा स्वस्थ होकर घर आ गई।
युवान के पिता शिवा ने बताया कि निजी क्लीनिक में जांच कराने पर बच्चे के दिल में छेद होने की जानकारी मिली। मैं मजदूरी करके जीवन-यापन करता हूं, इसके कारण इलाज कराना संभव नहीं था। इसी दौरान स्थानीय आंगनवाड़ी सेविका ने अखबार में छपी खबर को दिखाकर बताया कि ऐसे रोगी का सरकारी खर्च पर निःशुल्क इलाज होता है। जिसके बाद आरबीएसके टीम के सहयोग से उनके बच्चे का अहमदाबाद में सफल इलाज हुआ। इलाज के दौरान बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सुविधा मिली, आरबीएसके टीम का काफी सहयोग मिला।
आरबीएसके के समन्वयक डाॅ. रतीश रमण ने बताया कि समय पर इलाज शुरू होने के कारण तीनों बच्चे हृदय रोग को मात देने में सफल रहे तथा सभी बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। किसी भी तरह की विशेष परेशानी होने पर तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान जाकर आरबीएसके टीम से संपर्क करें, हर जरूरी मदद की जाएगी, समुचित इलाज भी कराया जाएगा। आरबीएसके स्कीम चलाया जा रहा है। इसके तहत जन्म से लेकर 18 साल तक के बच्चों में किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर सरकार उसका पूरा इलाज मुफ्त में करवाती है। यह योजना खास तौर पर 18 साल से कम उम्र के वैसे बच्चों के लिए है, जो जन्मजात बीमारी से ग्रसित होते हैं।
आशा खबर/ रेशमा सिंह पटेल