पाकिस्तान के नेता दुनिया के किसी भी मंच पर कश्मीर मसला उठाए बिना रह नहीं पाते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा खाद्य सुरक्षा पर बुलाई गई बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने खाद्य सुरक्षा पर बात से ज्यादा कश्मीर राग सुनाया। इस पर भारत की ओर से भी उन्हें जोरदार जवाब दिया गया।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतरराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर मंत्री स्तरीय सम्मेलन आहूत किया है। इसमें भाग लेने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी विदेश मंत्री के रूप में पहली अमेरिका यात्रा पर गए हैं। बिलावल ने अपने भाषण की शुरुआत तो खाद्य सुरक्षा से की, किन्तु कुछ ही देर में वे कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ जहर उगलने लगे। बिलावल ने कहा कि भारत ने कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर बहुत बड़ी गलती की है। पांच अगस्त, 2019 को भारत सरकार द्वारा लिया गया इस आशय का फैसला संयुक्त राष्ट्र की प्रस्तावना का उल्लंघन है। उन्होंने भारत पर कश्मीरी लोगों के उत्पीड़न व निर्दोषों के खिलाफ अत्याचार का भी आरोप लगाया। उन्होंने इसी माह कश्मीर को लेकर परिसीमन आयोग की सिफारिशों का मसला भी उठाया।
बिलावल के इस बयान के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान को फटकार लगाई गई। भारत ने बिलावल भुट्टो जरदारी की टिप्पणी को हताशा में दी गई प्रतिक्रिया करार दिया, जिसका उद्देश्य किसी भी मंच और हर विषय का दुरुपयोग करने के लिए झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करना है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर राजेश परिहार ने कहा कि जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। इसमें वे इलाके भी शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं। परिहार ने कहा कि किसी भी देश की ओर से कोई भी बयानबाजी और दुष्प्रचार इस तथ्य को नकार नहीं सकता।