सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के मुताबिक, गांवों में 6.14 फीसदी बेरोजगारी दर जुलाई में थी। जून में यह 8.03 फीसदी पर थी। गांवों में दरों के घटने के पीछे जुलाई में मानसून का अच्छा होना है। इससे गांवों में लोगों को फसलों के क्षेत्र में रोजगार मिला।
देश में बेरोजगारी के मोर्चे पर भारी गिरावट आई है। जनवरी में 6.56 फीसदी के बाद 6 महीने में यह सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। जुलाई में यह 6.80 फीसदी रही है। जून की तुलना में बेरोजगारी की दर में एक फीसदी की कमी आई है। हालांकि, शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर अभी भी 8.21 फीसदी है, जो मई के बराबर है। जून में यह घटकर 7.30 फीसदी पर चली गई थी।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के मुताबिक, गांवों में 6.14 फीसदी बेरोजगारी दर जुलाई में थी। जून में यह 8.03 फीसदी पर थी। गांवों में दरों के घटने के पीछे जुलाई में मानसून का अच्छा होना है। इससे गांवों में लोगों को फसलों के क्षेत्र में रोजगार मिला। सीएमआईई ने कहा, जून में 39 करोड़ लोगों के पास रोजगार था।
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा
आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा में सबसे ज्यादा 26.9 फीसदी बेरोजगारी की दर थी। जून में यह 30.6% पर थी। मई में 24.6% पर थी। जम्मू एवं कश्मीर दूसरे नंबर पर रहा। यहां बेरोजगारी की दर 20.2% रही जो जून में 17.2% पर थी। 19.1% के साथ राजस्थान तीसरे और 18.8% के साथ बिहार चौथे स्थान पर रहा।
उत्तर प्रदेश में जून की तुलना में बढ़ी बेरोजगारी
उत्तर प्रदेश में जुलाई में बेरोजगारी की दर 3.3 फीसदी थी जो जून महीने में 2.8 फीसदी पर थी। इसमें बढ़त देखी गई है। ओडिशा में सबसे कम 0.9 फीसदी जबकि उसके बाद मेघालय में 1.5 फीसदी बेरोजगारी रही। पंजाब में 7.7, दिल्ली में 8.9 फीसदी बेरोजगारी दर जुलाई में रही।
आशा खबर / उर्वशी विश्वकर्मा