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मंकीपॉक्स के वायरस को पहली बार किया गया अलग, वैक्सीन बनाने में मिलेगी मदद

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आईसीएमआर 

 

देश में मंकीपॉक्स से बचाव के लिए वैक्सीन बनाने का रास्ता आसान हो गया है। देश के वैज्ञानिकों ने मंकीपॉक्स वायरस को अलग कर टीके के निर्माण की राह आसान कर दी है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) ने ट्वीट करके जानकारी दी कि पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी लैब ने एक मरीज के नमूने से मंकीपॉक्स वायरस को अलग कर दिया है। इसके जरिए इस बीमारी की टेस्टिंग किट और वैक्सीन बनाने में काफी मदद मिलेगी।

इसके साथ ही आईसीएमआर ने वैक्सीन डेवलपमेंट और टेस्टिंग किट बनाने में संयुक्त सहयोग के लिए अनुभवी वैक्सीन निर्माताओं, फार्मा कंपनियों, अनुसंधान और विकास संस्थानों और इन-विट्रो डायग्नोस्टिक (आईवीडी) किट निर्माताओं से प्रस्ताव आमंत्रित किया है।

कोरोना वायरस को भी पुणे लैब ने किया था अलग

उल्लेखनीय है कि आईसीएमआर की एनआईवी पुणे लैब ने ही कोरोना के वायरस को कल्चर यानी वायरस अलग किया था। जिसके बाद भारत बायोटेक के साथ मिलकर आईसीएमआर ने कोरोना की वैक्सीन कोवैक्सीन तैयार की थी। कोरोना के खिलाफ भारत की स्वदेशी वैक्सीन बनाने में आईसीएमआर का बड़ा योगदान रहा है।

आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल

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