प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए कारपोरेट जगत से लेकर छोटे व्यापारी भी एकजुट हो गए हैं। इस अभियान को सफल बनाने के लिए 25 करोड़ झंडे की जरूरत होगी जबकि अभी देश में 4-5 करोड़ तिरंगा उपलब्ध होने का अनुमान है। इस वर्ष आजादी के 75 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम देशभर में चलाया जा रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री के हर घर तिरंगा अभियान को कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) इसे छोटे एवं कुटीर उद्यमियों के लिए एक अवसर के तौर पर देख रहा है।
कैट ने रविवार को जारी बयान में कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रधानमंत्री के 13 से लेकर 15 अगस्त तक देशभर में हर घर तिरंगा अभियान में देशवासियों से जुड़ने के आह्वान के बाद इसकी मांग बढ़ गई है। कारोबारी संगठन ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा खरीदने के लिए लोग बड़ी संख्या में बाजारों में आ रहे हैं। प्रधानमंत्री के आह्वान से लोगों में उत्साह के कारण देश के सभी शहरों के बाज़ारों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की भारी मांग को देखते हुए कैट ने देशभर में कपड़े के निर्माताओं से फ्लैग कोड के प्रावधानों के अनुसार पर्याप्त मात्रा में राष्ट्रीय ध्वज उपलब्ध कराने के लिए संपर्क शुरू किया है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि सरकार ने देशभर में 25 करोड़ घरों पर तिरंगा लगाए जाने का लक्ष्य तय किया है। ऐसे में एक अनुमान के अनुसार देशभर में अभी लगभग 4-5 करोड़ ही ध्वज का स्टॉक होगा। उन्होंने कहा कि हर तिरंगा अभियान के संभावित मांग और स्टॉक के बीच के अंतर को पूरा करने और प्रचुर संख्या में तिरंगा उपलब्ध कराने के लिए कैट ने जरूरी प्रयास शुरू कर दिए हैं। खंडेलवाल ने बताया की इस दिशा में कैट ने दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, ओडिसा, बिहार ,राजस्थान के कैट चैप्टर से आग्रह किया है कि वो अपने राज्यों में कपडा निर्माताओं से संपर्क कर अधिक से अधिक तिरंगा बनाने के लिए प्रेरित करें।
खंडेलवाल ने कहा कि फिलहाल बाजार में विभिन्न साइज के तिरंगे झंडे छोटे माप के 10 रुपये से लेकर बड़े माप के 150 रुपये तक मिल रहे हैं। दरअसल भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने तिरंगा के लिए 20x 30, 16x 24, 6×9 तीन माप सुझाया है। इसके मद्देनजर कैट ने इन साइजों के राष्ट्रीय ध्वज ही अधिक से अधिक मात्रा में बनवाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि कैट फिलहाल खादी ग्रामोद्योग कमीशन से तिरंगा झंडे को लेकर व्यापारिक संगठनों को उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। इसके अतिरिक्त महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को भी कैट तिरंगा झंडा बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है।
उन्होंने बताया की केंद्र सरकार ने 20 जुलाई को फ्लैग कोड में संशोधन कर राष्ट्रीय ध्वज को घरों पर लगाने के नियम आसान कर दिए हैं, जिसके अनुसार अब लोग अपने घरों में दिन रात राष्ट्रीय ध्वज लगा सकते हैं। इस संशोधन के बाद स्वाभाविक रूप से बाजार में तिरंगे झंडे की मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कैट ने व्यापारियों से 13 से 15 अगस्त तक देशभर में तिरंगा महोत्सव मानने की अपील की है। इसके अलावा कैट 26 जुलाई को भोपाल में देश के सभी राज्यों के व्यापारी नेताओं की एक दिवसीय मीटिंग जीएसटी पर चर्चा करने के लिए बुलाई है, जिसमें हर घर तिरंगा अभियान को देशभर में व्यापारियों के जरिए सफल बनाने की योजना बनेगी।
कैट महामंत्री ने कहा कि ने इस अभियान के लिए ”घर-घर तिरंगा, दुकान-दुकान तिरंगा” स्लोगन भी बनाया गया है। इसको सोशल मीडिया तथा प्रचार के अन्य माध्यमों में हैशटैग #meratirangadeshkishaan का इस्तेमाल कर देशभर में व्यापारी संगठन प्रधानमंत्री के इस अभियान को गांव गांव और कस्बे-कस्बे तक ले जाने का संकल्प भी लिया है।
आशा खबर / उर्वशी विश्वकर्मा