भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर प्रशासन का निचले अमरनाथ गुफा स्थल पर बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र में बचाव अभियान जारी है। अभी तक इस आपदा में 16 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 40 से ज्यादा श्रद्धालुओं के लापता होने की आशंका हैं। इस त्रासदी में 48 लोग घायल हुए हैं। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की चार टीमों के अलावा सेना की भी 10 रेस्क्यू टीमें राहत और बचाव कार्य में जुट गई हैं।
एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल के मुताबिक अब तक 16 श्रद्धालुओं के शव बरामद हो चुके हैं। लगभग 40 अमरनाथ यात्री अभी भी लापता हैं। गुफा के आसपास भूस्खलन नहीं हो रहा पर बारिश जारी है। बावजूद इसके बचाव कार्य में कोई दिक्कत नहीं है। एनडीआरएफ की चार टीमें, भारतीय सेना, एसडीआरएफ, सीआरपीएफ और अन्य के सहयोग से बचाव कार्य जारी है।
इस बीच भारतीय वायुसेना ने कहा है कि अमरनाथ गुफा स्थल में बचाव कार्यों के लिए श्रीनगर से 2-2 एएलएच ध्रुव और एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। एक एएन-32 और 76 परिवहन विमानों को जरूरत पड़ने पर चंडीगढ़ में स्टैंडबाय पर रखा गया है। राहत और बचाव कार्य में सेना के साथ जुटे सीमा सुरक्षा बल के प्रवक्ता ने कहा है कि एमआई-17 हेलिकॉप्टर से नौ शवों को नीलगढ़ से श्रीनगर पहुंचाया गया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने श्रद्धालुओं की मौत पर दुख जताया है। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टेलीफोन पर पवित्र गुफा के आसपास के हालात के बारे में जानकारी दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह का कहना है कि पवित्र गुफा के निकट राहत अभियान को तेजी देने के लिए केंद्र हर संभव सहयोग दे रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से हालात की जानकारी ली है। शाह ने कहा है कि एनडीआरएफ, सीआरपीएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में लगे हैं। लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है।
आशा खबर/रेशमा सिंह पटेल