बिहार में शराबबंदी के बाद सरकार के द्वारा सीवान सदर अस्पताल के ओपीडी के बगल में नशामुक्ति केंद्र की स्थापना की गई थी । जहां आदतन शराबियों का इलाज किया जाता था। वह पिछले दो साल से बंद है । इस केंद्र में कोविड -19 का सैंपल लेने का कार्य किया जा रहा है ।
उल्लेखनीय हो कि नशामुक्ति केंद्र के बंद होने के कारण अब शराब पीने वालों का इलाज नहीं हो रहा है , क्योंकि इसके चिकित्सक की तैनाती ही विभाग द्वारा नहीं की गई है । ऐसे में शराब पीने वालों अब पुलिस गिरफ्तार कर सीधे जेल भेज रही है । वहीं विभाग की मानें तो अभी सदर अस्पताल के ओपीडी में नशा करने वाला का इलाज हो रहा है । इसमें मई में ओपीडी में दो एवं जून में 48 मरीजों का इलाज हुआ है । इनमें से मात्र पांच को पुरूष वार्ड में भर्ती कराया गया था । बता दें कि अप्रैल 2016 में केंद्र को जब खोला गया था तब प्रति माह करीब बीस मरीज इलाज को पहुंचते थे , लेकिन दो साल बीतने के बाद भी चालू करने को लेकर विभाग द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है ।
इस केन्द्र परशुरुआती दौर में इलाज के लिए केंद्र पर काफी संख्या में शराबी पहुंचे । इलाजरत मरीजों को मिलता था खाना , नाश्ता एवं दवा बता दें कि केंद्र हेतु अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर चिकित्सक एवं कर्मी की प्रतिनियुक्ति कर रखा था । केंद्र में इलाजरत मरीजों को खाना , नाश्ता के साथ साथ दवा भी मुफ्त में दिया जाता था । धीरे – धीरे केंद्र में इलाज कराने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी थी , लेकिन कोरोना काल के दौरान इस केंद्र को धीरे धीरे बंद अनौपचारिक रूप से बंद कर दिया गया ।अब इसे चालू करने को लेकर विभाग द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है ।
इस संबंध में सीवान के सिविल सर्जन डॉ यदुवंश शर्मा ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र को पुरुष वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है, लेकिन अभी उसके चिकित्सक हमारे पास नहीं हैं । ऐसे मरीजों को ओपीडी के डाक्टरों से इलाज करा कर दवा दी जाती है ।